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Jeevan Darshan: इन आध्यात्मिक विचारों को अपनाकर जीवन बना सकते हैं खुशहाल

जीवन में जो कुछ भी करना हो उसके लिए अवश्य प्रयास करें लेकिन उससे खुशी पाने के लिए नहीं बल्कि उसके द्वारा अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए। जीवन के हर क्षण का अपना महत्त्व होता है। जब आप हर क्षण का सम्मान करते हैं तो आपको किसी उद्देश्य की आवश्यकता नहीं होती तो आइए इस महत्वपूर्ण विषय के बारे में विस्तार से जानते हैं जो इस प्रकार है।

By Jagran News Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 04 Nov 2024 04:30 PM (IST)
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Jeevan Darshan: इन आध्यात्मिक विचारों को अपनाएं।
श्री श्री रवि शंकर (आर्ट आफ लिविंग के प्रणेता, आध्यात्मिक गुरु)। कुछ प्रश्न हमारे मन की परिपक्वता का संकेत देते हैं जैसे- ‘जीवन क्या है, जीवन का उद्देश्य क्या है, आप यहां क्यों हैं और आपको क्या चाहिए?’ ये सभी प्रश्न बहुत महत्वपूर्ण हैं। क्या आपने कभी सोचा है, ‘मैं पृथ्वी पर हूं और यह पृथ्वी सौर मंडल में है तो मैं भी सौर मंडल में हूं। सौर मंडल आकाशगंगा में सिर्फ एक बिंदु है तो मैं भी आकाशगंगा में हूं।’ बस आंखें बंद करके बैठें और अपने आप से पूछें, ‘इस शरीर में मैं कहां हूं?’ क्या मैं सिर में हूं, नाक में हूं या दिल में हूं? इससे आप यह अनुभव कर पाएंगे कि आप कहीं नहीं हैं, लेकिन आप शरीर में हर जगह हैं। इस तरह से आपकी सजगता का स्तर बढ़ जाता है और यही सजगता हमारे जीवन से तनाव और दुःख को दूर कर सकती है। इस सजगता को ही ज्ञान कहा जाता है।

खुशी का स्तर

बिना सजगता के हमारा मन सिकुड़ जाता है और जब मन सिकुड़ता है तो खुशी का स्तर कम हो जाता है। जब हम खुश होते हैं तो हमें लगता है कि हमारे भीतर कुछ ऐसा है जो फैल रहा है । ध्यान के अभ्यास से मन का प्रसार होता है और इसे विश्राम मिलता है। ध्यान करना जरूरी है क्योंकि तब हमें कोई भी चीज परेशान नहीं कर सकती। नहीं तो छोटी-छोटी बातें भी हमें असंतुलित कर सकती हैं।

पद-प्रतिष्ठा और हमारे रिश्ते

हम अक्सर सोचते हैं कि नौकरी, पैसा, पद-प्रतिष्ठा और हमारे रिश्ते ही हमारे जीवन का उद्देश्य हैं। आप अपना पूरा जीवन इन्हीं चीजों के लिए परेशान होने में बिता देते हैं और फिर भी असंतुष्ट रहते हैं। अगर मैं कहूं कि जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है तो आप क्या करेंगे? आप हर बात में उद्देश्य क्यों खोज रहे हैं? आपकी गर्दन पर लटक रही टाई का क्या उद्देश्य है? एक फुटबाल मैच का क्या उद्देश्य है? गेंद को गोल में मारना? अगर कोई एलियन पृथ्वी ग्रह पर आकर एक फुटबाल मैच देखे तो वह पूरी तरह से चौंक जाएगा। उसे समझ में नहीं आएगा कि ये लोग क्या कर रहे हैं। 22 लोग केवल एक ही गेंद को गोल में मारने की कोशिश कर रहे हैं और जब वह गोल में चली जाती है, तब वे इसकी खुशी मनाते हैं। वह सोचेगा कि अगर लड़ाई एक गेंद के लिए है तो क्यों न सबको एक-एक गेंद दे दी जाए ताकि सिर्फ गेंद के लिए लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरें नहीं।

ज्ञान की पुस्तक

एक बार एक प्रोफेसर ने स्वामी विवेकानंद से एक प्रश्न पूछा, 'मान लीजिए कि आपको सड़क पर एक ज्ञान की पुस्तक और कुछ पैसे मिलते हैं तो आप दोनों में से क्या लेंगे?' स्वामी विवेकानंद ने उत्तर दिया, 'मैं पैसे लूंगा।' प्रोफेसर हैरान होकर बोले, 'मैं ज्ञान लूंगा।' स्वामी विवेकानंद ने कहा कि 'आप वही लेंगे जो आपके पास नहीं है।' विवेकानंद उस प्रोफेसर के सामने ही बैठकर भोजन कर रहे थे। विवेकानंद की बात से चिढ़कर उस प्रोफेसर ने विवेकानंद से कहा 'एक सूअर और एक पक्षी एक ही स्थान पर बैठकर भोजन नहीं कर सकते।' स्वामी विवेकानंद ने तुरंत उत्तर दिया, 'हां, लेकिन मैं कभी भी उड़ सकता हूँ।'

आत्मज्ञानी व्यक्ति

यदि आप आत्मज्ञानी व्यक्ति को अपमानित करेंगे तो वह क्रोधित नहीं होगा। उसे अपने ऊपर इतना आत्मविश्वास होता है कि वह ऐसी टिप्पणियों पर किसी के साथ झगड़ा नहीं करता, क्योंकि उसे यह समझ होती कि हर बात का उद्देश्य होता है और इसके विपरीत किसी भी बात का कोई उद्देश्य नहीं भी होता। आप इस सृष्टि में जो कुछ भी करते हैं, वह पूरी तरह से निरर्थक या उद्देश्यहीन लग सकता है, क्योंकि यह पूरी सृष्टि ही एक खेल है।

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खेल का उद्देश्य

खेल का उद्देश्य जीतना या हारना नहीं है; खेल का वास्तविक उद्देश्य खेल की प्रक्रिया का आनंद लेना है। आपको बस खेल को शुरू से अंत तक मजेदार बनाना है। जब आप ऐसा करते हैं तो पहली गेंद से लेकर आखिरी गेंद तक पूरे खेल का आनंद ले पाते हैं। जो लोग उद्देश्य की चिंता कर रहे हैं, मैं उनसे कहूंगा कि वे इसकी चिंता करना छोड़ दें और वर्तमान क्षण का आनंद लें। जब आप जीवन के उद्देश्य के बारे में सोचते हैं तो इसका अर्थ है कि आप अंत की ओर देख रहे हैं। आप वर्तमान को अनुभव नहीं कर रहे हैं। आध्यात्मिक ज्ञान और ध्यान आपको यह समझने में सहायता करते हैं ।

अक्सर हम जीवन में खुश रहने के लिए कोई न कोई कारण ढूंढ़ते हैं। जब आप छोटे थे, तब लगता था कि बड़े हो जाएंगे तब खुशी मिलेगी। जब दसवीं कक्षा में थे तब लगता था कि वह इतना महत्वपूर्ण नहीं है, इसलिए जब अच्छे कालेज में प्रवेश मिल जाएगा तब खुश होंगे। फिर लगा कि अच्छी नौकरी मिल जाएगी या व्यवसाय शुरू हो जाएगा तब खुशी मिलेगी। फिर आपने सोचा कि शादी हो जाएगी और परिवार पूरा हो जाएगा तब खुशी मिलेगी। लेकिन ऐसा करते-करते कब जीवन बीत जाता है पता ही नहीं चलता। इसलिए जीवन में खुशियों के पीछे भागने के बजाय अपने जीवन को ही खुशी की अभिव्यक्ति बना लें।

अवश्य करें प्रयास

जीवन में जो कुछ भी करना हो उसके लिए अवश्य प्रयास करें लेकिन उससे खुशी पाने के लिए नहीं, बल्कि उसके द्वारा अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए। जीवन के हर क्षण का अपना महत्त्व होता है। जब आप हर क्षण का सम्मान करते हैं तो आपको किसी उद्देश्य की आवश्यकता नहीं होती।

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