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Teachers Day 2023: जीवन जीने की राह दिखाते हैं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ये अनमोल विचार

Teachers Day 2023 राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के चित्तूर जिले के तिरूतनी ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। सर्वपल्ली राधाकृष्णन बाल्यावस्था से धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। धर्म कर्म में उनकी गहन रुचि थी। मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से उन्होंने उच्चतम शिक्षा प्राप्त की। सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन से ही पढ़ने लिखने के शौकीन थे और विवेकानंद के विचार से बेहद प्रभावित थे।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 28 Aug 2023 12:39 PM (IST)
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Teachers Day 2023: जीवन जीने की राह दिखाते हैं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ये अनमोल विचार

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Teachers Day 2023: हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को समर्पित होता है। भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के चित्तूर जिले के तिरूतनी ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। सर्वपल्ली राधाकृष्णन बाल्यावस्था से धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। धर्म कर्म में उनकी गहन रुचि थी। मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से उन्होंने उच्चतम शिक्षा प्राप्त की। जानकारों की मानें तो सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन से ही पढ़ने लिखने के शौकीन थे और विवेकानंद के विचार से बेहद प्रभावित थे। उनके जन्मदिन पर हर वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उनके विचार आज भी प्रासंगिक है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचारों का अनुसरण कर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में सफल हो सकता है। आइए, उनके अनमोल विचार जानते हैं-

राधाकृष्णन जी के अनमोल विचार

1.

उम्र या युवावस्था का काल-क्रम से लेना-देना नहीं है। हम उतने ही नौजवान या वृद्ध हैं, जितना हम महसूस करते हैं। हम अपने बारे में क्या सोचते हैं, ये मायने रखता है।

2.

यदि मानव दानव बन जाता है तो ये उसकी हार है, यदि मानव महामानव बन जाता है तो ये उसका चमत्कार है। यदि मनुष्य मानव बन जाता है, तो ये उसकी जीत है।

3.

सनातन धर्म सिर्फ एक आस्था नहीं है। यह तर्क और अन्दर से आने वाली आवाज का समागम है, जिसे सिर्फ अनुभव किया जा सकता है, परिभाषित नहीं।

4.

जिस प्रकार आत्मा किसी व्यक्ति की चेतना शक्तियों के पीछे की वास्तविकता है, उसी प्रकार परमात्मा इस ब्रह्माण्ड की समस्त गतिविधियों के पीछे का अनंत आधार है।

5.

भगवान हम सबके भीतर रहता है, महसूस करता है और कष्ट सहता है, और समय के साथ उसके गुण, ज्ञान, सौन्दर्य और प्रेम हममें से हर एक के अन्दर उजागर होते हैं।

6.

किताब पढ़ना, हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी देती है।

7.

पुस्तकें वो साधन हैं, जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।

8.

आप जिस चीज के लिए विश्वास करते हैं और प्रार्थना करते हैं। वह आपको निश्चित ही मिलता है।

9.

व्यक्ति (विद्यार्थी) को कल्पनाशील होने के साथ-साथ स्वस्थ और आत्मविश्वासी भी होना चाहिए। यह उसके लक्ष्य तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करता है।

10.

जीवन को एक बुराई के रूप में देखना और दुनिया को भ्रमित होकर देखना गलत है।