Vastu Dosh: इन वास्तु दोषों के चलते घर में दस्तक देती हैं बीमारियां, ऐसे करें समस्या को दूर
Vastu Dosh वास्तु नियमों का पालन करने से घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है। वहीं वास्तु दोष लगने पर जीवन में अस्थिरता आ जाती है। आमदनी कम हो जाती है। जबकि खर्च बढ़ जाता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 04 Apr 2023 05:46 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Vastu Dosh: सनातन धर्म में वास्तु दोष का विशेष महत्व है। वास्तु नियमों का पालन करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। वहीं, वास्तु दोष लगने पर जीवन में अस्थिरता आ जाती है। आमदनी कम हो जाती है। जबकि, खर्च बढ़ जाता है। साथ ही अकस्मात विपत्ति घर में दस्तक देती है। इसके अलावा, दोष लगने पर घर के सदस्य कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। इसके लिए वास्तु दोष का अवश्य ख्याल रखें। आइए, इन वास्तु दोषों और उपायों के बारे में जानते हैं-
-वास्तु जानकारों की मानें तो खाना बनाते समय घर की महिला का मुख दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। इससे खाना जोड़ों में दर्द, कमर दर्द और सर्वाइकल की समस्या हो सकती है। इसके लिए खाना बनाते समय महिला का मुख पूर्व की दिशा में रहना चाहिए। -वास्तु शास्त्र की मानें तो उत्तर दिशा में सिर करके सोने से साइनस, सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या होती है। वहीं, शयन कक्ष में शीशा रखने से भी घर में बीमारी दस्तक देती है। इस स्थिति में सोने वाला व्यक्ति बीमार हो सकता है। इसके लिए न उत्तर की दिशा में सिर रखकर सोएं और न ही सोने वाले कमरे में दर्पण लगाएं।
–घर की उत्तर और पूर्व दिशा बंद नहीं होना चाहिए। वहीं, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा में दरवाजा नहीं होना चाहिए। इससे वास्तु दोष लगता है। अगर गृह निर्माण में वास्तु दोष का ध्यान नहीं रखा गया है, तो घर में बीमारी दस्तक देगी। साथ ही खर्च भी बढ़ जाएगा। -वास्तु शास्त्र में घर के उत्तर-पूर्व दिशा में सीढ़ियां और टॉयलेट बनाने की मनाही है। अगर कोई वास्तु दोष का ध्यान न रख अपने गृह का निर्माण कराता है, तो वास्तु दोष लगता है। अगर आपके घर के निर्माण के समय भी सीढ़ियां और टॉयलेट का ध्यान नहीं किया गया है, तो यथाशीघ्र ठीक करा लें। इससे घर की गृहणी को मानसिक पीड़ा होती है।
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