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Gangajal Ke Upay: गंगा जल के इन उपायों को करने से दूर होगी नकारात्मकता, हर संकट से उभर जाएंगे आप

हिंदू धर्म में गंगाजल बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसमें काफी चमत्कारिक गुण होते हैं। गंगाजल को घर में रखने से नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही भगवान भोलेनाथ को रोजाना गंगाजल चढ़ाने से वह अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 26 May 2023 02:21 PM (IST)
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Gangajal Ke Upay गंगा जल के उपाए
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Gangajal Ke Upay: मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी में आस्था के साथ डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। हिंदू धर्म में इसे माता कहकर संबोधित किया जाता है। चाहे बच्चे का जन्म हो या किसी व्यक्ति की मृत्यु हो, गंगाजल को पवित्र करने के काम में लिया जाता है। गंगाजल की महिमा इतनी है कि अगर गंगा नदी में डुबकी लगाना संभव न हो तो व्यक्ति सामान्य पानी में भी गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान कर सकता है। ऐसा करने से गंगा नदी में स्नान करने के बराबर ही पुण्य मिलता है।

कर्ज से मुक्ति के लिए क्या करें उपाय

अगर आप कर्ज में डूबे हुए हैं तो इससे निकलने के लिए गंगाजल का ये उपाय कर सकते हैं। पीतल के लोटे में गंगाजल लेकर उसे घर की उत्तर-पूर्व दिशा के कोने में रख दें। ध्यान रहे कि लोटे का मुंह लाल कपड़े से ढक होना चाहिए। इस उपाय से धीरे-धीरे आपके कर्ज उतरने लगेंगे।

कैसे दूर करें नौकरी संबंधी परेशानी

एक पीतल के लोटे में साधारण जल भरकर उसमें गंगाजल की 11 बूंदे डालें। अब इसे 5 बेलपत्र के साथ शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस उपाय को लगातार 40 दिन तक करना है। इससे नौकरी में आ रही बाधा दूर हो जाएगी।

कैसे दूर होगी विवाह की बाधा

नहाने के पानी में गंगाजल और एक चुटकी हल्दी मिलाकर लगातार 21 दिनों तक नहाने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है। इससे जल्द ही शादी को योग बनते हैं। साथ ही घर के वास्तु दोषों को दूर करने के लिए हर रोज घर में गंगाजल का छिड़काव करने से लाभ मिलता है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'