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Grah Gochar: क्या है ग्रह गोचर का अर्थ? जानिए कैसे पड़ता है राशियों पर इसका प्रभाव

Grah Gochar ग्रह विभिन्न राशियों में भ्रमण करते हैं। ग्रहों के भ्रमण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है। आइए जानते हैं कि ग्रह गोचर का अर्थ क्या है और किस ग्रह का राशि पर शुभ या अशुभ प्रभाव पड़ता है। साथ ही यह भी जानते हैं कि कौन-सा ग्रह राशियों में गोचर करने के लिए कितना समय लेता है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 11 Jul 2023 02:55 PM (IST)
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Grah Gochar क्या है ग्रह गोचर का अर्थ

नई दिल्ली, अध्यात्म। Grah Gochar: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी ग्रहों का अपना एक विशेष महत्व है। ज्योतिष में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु एवं केतु नौ ग्रह हैं। ये सभी ग्रह अपनी गति के अनुसार समय-समय पर राशियां बदलते हैं। जिसका व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

गोचर का शाब्दिक अर्थ

गोचर शब्द 'गम्' धातु से बना है जिसका अर्थ होता है 'चलने वाला'। वहीं चर शब्द का अर्थ है 'गतिमय होना'। इसलिए गोचर का अर्थ हुआ- 'निरंतर चलने वाला'। ब्रह्माण के सभी ग्रह अपनी धुरी पर गति करते हैं और एक अवधि के बाद अपनी चाल बदलते हैं। ग्रहों के इस प्रकार एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करने को गोचर कहा जाता है। ग्रहों के गोचर करने का प्रभाव सभी राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से पड़ता है।

मार्गी और वक्री का मतलब

किसी ग्रह के मार्गी में होने का मतलब है कि वह अपनी सीधी चाल से गति कर रहा है। वहीं, अगर कोई ग्रह उलटी चाल चल रहा है तो उसे वक्री गति से गोचर चलना कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार, सूर्य और चंद्र को छोड़कर सभी ग्रह व्रकी गोचर करते हैं। लेकिन राहु और केतु हमेशा वक्री चाल में ही गोचर करते हैं।

ग्रह गोचर की अवधि

सभी ग्रह अपनी-अपनी गति के अनुसार ही राशिचक्र में गमन करने में अलग-अलग समय लेते हैं। सूर्य ग्रह के गोचर अवधि 1 माह की होती है। वहीं, चंद्र ग्रह राशि परिवर्तन के लिए लगभग सवा दिन लेता है। मंगल ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब डेढ़ माह का समय लेता है। बुध ग्रह 14 दिन और बृहस्पति ग्रह एक साल में गोचर करते हैं। शुक्र ग्रह को गोचर में लगभग 23 दिन का समय लगता है। सबसे प्रभावी ग्रह शनि ग्रह के गोचर की अवधि सबसे अधिक है। शनि ग्रह की गोचर अवधि ढाई साल की है। वहीं, दूसरी ओर राहु-केतु एक से डेढ़ वर्ष मे राशि परिवर्तन करते हैं।

शुभ और अशुभ ग्रह

ज्योतिष शास्त्र में जहां कुछ ग्रहों को शुभ परिणाम देने वाला समझा जाता है तो वहीं, कुछ ग्रह अशुभ परिणाम भी देते हैं।

शुभ ग्रह- बुध, शुक्र, चंद्रमा और गुरु को सबसे शुभ ग्रह माना जाता है।

अशुभ ग्रह- ज्योतिष में मंगल, शनि, सूर्य और राहु को अशुभ ग्रह माना गया है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'