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जानें, किस दिशा में होना चाहिए घर का मुख्य दरवाजा और क्या है इसका महत्व

वास्तु के हिसाब से घर के मुख्य दरवाजे पर छाया नहीं पड़नी चाहिए। ऐसे में जब भी घर का निर्माण करें तो इस बात का ख्याल रखें कि मुख्य दरवाजे के अगल-बगल में कोई पेड़ अथवा पोल न रहे। मुख्य दरवाजे से लगनी वाली सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए।

By Umanath SinghEdited By: Updated: Wed, 01 Dec 2021 04:58 PM (IST)
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जानें, घर का मुख्य दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए और क्या है इसका महत्व
आधुनिक समय में हर कोई सफल होना चाहता है। इसके लिए वह सभी प्रकार के जतन करता है। इसके बावजूद भी कुछ ही लोगों को सफलता मिल पाती है। हालांकि, जीवन में सफल होने के लिए किस्मत और मेहनत दोनों की जरूरत होती है। इन सबके साथ अगर हम वास्तु का विशेष ख्याल रखें तो चीजें आसान हो जाती हैं। कई बार ऐसा देखा जाता है कि घर का निर्माण वास्तु के हिसाब से किया जाता है, लेकिन मुख्य द्वार पर वास्तु का ध्यान नहीं रखा जाता है, जिससे घर की तरक्की रुक जाती है। अगर आपको मुख्य द्वार के वास्तु के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं कि वास्तु के हिसाब से मुख्य दरवाजा कैसा होना चाहिए-

-वास्तु के हिसाब से घर के मुख्य दरवाजे पर छाया नहीं पड़नी चाहिए। ऐसे में जब भी घर का निर्माण करें, तो इस बात का ख्याल रखें कि मुख्य दरवाजे के अगल-बगल में कोई पेड़ अथवा पोल न रहे।

- मुख्य दरवाजे से लगनी वाली सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि घर के दरवाजे से लगने वाली सीढ़ियों की संख्या 3, 5 अथवा 7 रखें।

-गृह प्रवेश के मुख्य दरवाजे के अनुपात में उसकी चौड़ाई आधी रखें। अगर मुख्य द्वार की लंबाई 10 फ़ीट है तो दरवाजे की चौड़ाई 5 फ़ीट ही रखें।

-घर की दिशा में ही मेन गेट होना चाहिए। कभी भी विपरीत दिशा में दरवाजे नहीं रखें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचरण नहीं होता है।

-घर का मेन गेट घर के अन्य सभी कमरों के दरवाजों से ऊंचा होना चाहिए। वास्तु शास्त्र में इसका उल्लेख है कि यह शुभ होता है।

-मुख्य द्वार उत्तर दिशा में रखने से धन का आगमन होता है। मुख्य द्वार पूरब दिशा में रहने से घर में शांति बनी रहती है। जबकि पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार रहने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''