Vastu For Direction: जानें वास्तु के अनुसार किस दिशा का होता है क्या महत्व
Vastu For Direction वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशाओं का महत्व अत्याधिक है। ऐसे में हर दिशा के लिए वास्तु निर्देश दिए गए होते हैं। चार मुख्य दिशाएं पूर्व दक्षिण पश्चिम और उत्तर हैं। इनके मध्य स्थान को कोण कहा जाता है।
By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 09 May 2021 06:26 AM (IST)
Vastu For Direction: वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशाओं का महत्व अत्याधिक है। ऐसे में हर दिशा के लिए वास्तु निर्देश दिए गए होते हैं। चार मुख्य दिशाएं पूर्व, दक्षिण, पश्चिम और उत्तर हैं। इनके मध्य स्थान को कोण कहा जाता है। ऐसे में चार कोण भी होते हैं जिनमें कोण दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व मौजूद हैं। वहीं, दो आकाश और पाताल दिशाएं भी कही गई हैं। ऐसे में देखा जाए तो कुल मिलाकर 10 दिशाएं होती हैं। वास्तु के अनुसार, कोई भी दिशा अशुभ नहीं होती है। तो आइए जानते हैं किस दिशा का क्या महत्व होता है।
1. अगर आप कोई भारी कारखाना, आग और बिजली से संबंधित कोई कार्य शुरू करने के लिए उद्योग भवन का निर्माण कराने के बारे में सोच रहे हैं तो इसके लिए सबसे शुभ दिशा दक्षिण मानी गई है। क्योंकि वास्तु के अनुसार घर के दक्षिण दिशा में भारी सामान आदि रखना सही माना जाता है।
2. वास्तु के अनुसार, पश्चिम मुखी स्थान उस काम के लिए एकदम सही रहता है अगर किसी सुपर मार्केट, रसायनिक सामान आदि से संबंधित भवन का निर्माण करवाना हो तो।
3. पूर्व दिशा में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार माना जाता है। इसे देव की दिशा माना गया है। ईश्वर की अराधना करने या शिक्षा से संबंधित कार्य करने के लिए पूर्व दिशा और ईशान कोण दिशा शुभ मानी जाती है। इसी दिश में घर के मंदिर का निर्माण कराना चाहिए। अगर कोई हल्का निर्माण करना हो तो भी यह दिशा सही मानी जाती है।
4. कुबेर की दिशा उत्तर दिशा मानी जाती है। अगर इस दिशा में कोई ऐसा प्रतिष्ठान या दुकान खोली जाए जो खरीद और बिक्री से संबंधित हो तो बेहतर होता है। इस दिशा में तिजोरी का दरवाजा खुलना बहुत शुभफलदायी माना जाता है।
डिसक्लेमर'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '