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Kuber Dev favorite plant: घर में जरूर लगाएं ये पौधा, जमकर बरसेगी कुबेर देव की कृपा

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार कुबेर देवों को कोषाध्यक्ष और यक्ष का राजा भी कहा जाता है। सुख-समृद्धि के लिए कुबेर देव की पूजा की जाती है। ऐसे में आप घर में क्रासुला का पौधा लगाकर भी कुबेर देव को प्रसन्न कर सकते हैं इसे कुबेराक्षी पौधा भी कहा जाता है। इस पौधे को धन के देवता कुबेर का प्रिय पौधा माना गया है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 18 Oct 2024 08:50 PM (IST)
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Kuber Dev favorite plant घर में जरूर लगाएं ये पौधा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जिस तरह हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है, ठीक उसी प्रकार कुबेर देव को धन के देवता की उपाधि प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि कुबेर देव की कृपा से साधक को धन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप कुबेर देव की कृपा के लिए घर में कौन-सा पौधा लगा सकते हैं।

कहां लगाएं पौधा

कई घरों में क्रासुला का पौधा पाया जाता है। इसे इनडोर प्लांट की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में आप कुबेर देव की कृपा के लिए इसे अपने बगीचे में भी लगा सकते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति के लिए धन के योग बनने लगते हैं और व्यक्ति को धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता।

क्या है सही दिशा

कुबेर देव के पौधे को लगाने के लिए यदि सही दिशा का ध्यान रखा जाए, तो इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कुबेर देव के प्रिय पौधे यानी क्रासुला को लगाने के लिए वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा को सबसे उत्तम माना गया है। वहीं इसे दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगाने से कार्यक्षेत्र में तरक्की के योग बनने लगते हैं।

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इन बातों का रखें ध्यान

यदि आप घर में क्रासुला का पौधा लगा रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि इसकी देखभाल करना भी जरूरी है। नियमित रूप से इसमें पानी डालें और इसे पर्याप्त धूप में रखें। ध्यान रहे कि इस पौधे को अंधेरे वाली जगह पर नहीं लगाना चाहिए। साथ ही इसकी पत्तियों पर भी धूल न जमने दें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।