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Mandir Vastu Tips: घर में मंदिर स्थापित करने से पहले जान लें ये वास्तु नियम, नहीं लगेगी बुरी नजर

लोग घरों में भी मंदिर बनवाते हैं और अपनी श्रद्धा अनुसार पूजा-अर्चना करते हैं। आमतौर पर घरों में लकड़ी के मंदिर घर में रखे जाते हैं। इन्हें बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में यदि आप अपने घर का मंदिर स्थापित करते समय इन वास्तु नियमों का ध्यान रखेंगे तो आपको जीवन में कई तरह के शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 03 May 2024 10:58 AM (IST)
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Mandir Vastu Tips घर में मंदिर स्थापित करने के वास्तु नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mandir Vastu Tips in hindi: घर में स्थापित मंदिर एक पवित्र स्थान माना जाता है, क्योंकि यहां से सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि आपके घर में भी लकड़ी का मंदिर स्थापित है या फिर आप स्थापित करने का मन बना रहे हैं, तो ऐसे में कुछ वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखें, ताकि आपको इसके शुभ परिणाम प्राप्त हो सकें।

कैसी होनी चाहिए लकड़ी

यदि आप लकड़ी से बना मंदिर घर में स्थापित कर रहे हैं, तो हमेशा शीशम या सागौन की लकड़ी से बने मंदिर का ही चुनाव करें। ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह भी सुनिश्चित करें कि लकड़ी अच्छी हो और उसमें कहीं दीमक न लगा हो।

किस दिशा में रखें मंदिर

मंदिर को रखने के लिए घर की पूर्व दिशा को बेहतर माना गया है। इस दिशा में मंदिर रखने से आपका मुख पूजा करते समय पूर्व की ओर होगा और पीठ पश्चिम दिशा में रहेगी। इसके अलावा उत्तर दिशा में भी मंदिर रखना अच्छा माना जाता है।

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ध्यान रखें ये  बातें

मंदिर में मूर्तियां स्थापित करने से पहले लाल या पीले रंग का कपड़ा जरूर बिछाना चाहिए। ऐसा करने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो सकती है। साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें, उसमें कहीं भी धूप-मिट्टी जमा न होने दें।

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कौन-सा दिन है बेहतर

मंदिर स्थापित करने के लिए भी कुछ दिनों का वर्णन किया गया है। माना जाता है कि यदि इन दिनों में घर में मंदिर स्थापित किया जाए, तो यह बहुत ही शुभ परिणाम देता है। इसके लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन शुभ माना गया है। वहीं मंगलवार, शनिवार, रविवार के दिन मंदिर स्थापित करना शुभ नहीं माना जाता।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'