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Mata Saraswati Puja: घर में स्थापित करना चाहते हैं सरस्वती मां की मूर्ति, तो इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान

सरस्वती हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। सरस्वती का जन्म ब्रह्मा के मुँह से हुआ था। ऐसा कहा जाता है की किसी भी क्षेत्र में कला अथवा शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को मां सरस्वती की पूजा अर्चना जरूर करनी चाहिए।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Mon, 12 Jun 2023 12:28 PM (IST)
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Mata Saraswati Puja किस दिशा में लगानी चाहिए सरस्वती मां की मूर्ति।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Mata Saraswati Puja: सनातन धर्म में देवी सरस्वती को विद्या बुद्धि ज्ञान व विवेक की देवी माना गया है। मां सरस्वती को वीणा की देवी भी कहा जाता है। घर में देवी सरस्वती की प्रमिता या तस्वीर लगाते समय कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति को विशेष लाभ मिलते हैं।

किस दिन मूर्ति स्थापित करना है शुभ

वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है। इस दिन विधि-विधान से मां की पूजा करने से इंसान संगीत, कला और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। ऐसे में इस दिन घर में माता सरस्वती की मूर्ति स्थापित करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

किस दिशा में लगाएं मूर्ति

वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा को बहुत ही शुभ माना गया है। इसलिए मां सरस्वती की प्रतिमा या चित्र को उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। इस दिशा में मूर्ति लगाने से इंसान को शिक्षा संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है। और सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होने लगते हैं।

किस मुद्रा में होनी चाहिए मूर्ति

ध्यान रहे घर में मां सरस्वती की मूर्ती कमल पुष्प पर बैठी हुई मद्रा में होनी चाहिए। खड़ी हुई मुद्रा में माता की मूर्ती स्थापित करना शुभ नहीं माना जाता। वास्तुशास्त्र के अनुसार मां सरस्वती की मूर्ती हमेशा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद वाली मुद्रा में होनी चाहिए। मूर्ती खरीदते समय ध्यान दें कि प्रतिमा खंडित ना हो। वास्तुशास्त्र के अनुसार खंडित मूर्ती से घर में नकारात्मकता का वास होता है। बसंत पंचमी की पूजा करते समय पूजा स्थल पर भूलकर भी मां सरस्वती की दो प्रतिमा स्थापित ना करें।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'