Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष के दौरान इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान, घर में बनी रहेगी सुख-शांति
Pitru Paksha Vastu Niyam हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र एक विशेष स्थान रखता है। वहीं वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे नियम भी बताए गए हैं जिनका पितृ पक्ष में ध्यान रखा जाए तो पितरों का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही वास्तु दोष से भी छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ वास्तु नियम।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Vastu Dosh ke Upay: पितृ पक्ष के दौरान कुछ वास्तु नियम बताए गए हैं जिन्हें अपनाने से वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है, वहीं पितरों का आशीर्वाद भी बना रहता है। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023 से हो रही है, जिसका 14 अक्टूबर 2023 को होगा।
पितृ पक्ष को पितरों के पूजन और तर्पण करने के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है। ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं। ऐसे में यदि आप कुछ वास्तु टिप्स अपनाते हैं तो निश्चित ही आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मुख्य द्वार पर करें ये काम
वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार को महत्वपूर्ण स्थान माना गया है, क्योंकि यहीं से सकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश करती है। ऐसे में पितृपक्ष के दौरान द्वारा की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही रोजाना सुबह मुख्य द्वार पर जल चढ़ाना चाहिए, इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
कहां लगाएं पितरों की तस्वीर
पितरों की तस्वीर लगाने के लिए भी वास्तु शास्त्र में एक सही दिशा का उल्लेख किया गया है। क्योंकि दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना गाया है ऐसे में पितरों की तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा में लगानी चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष समाप्त होता है।
इन जगहों पर न लगाएं तस्वीर
वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की तस्वीर कभी भी अपने बेडरूम, पूजा घर, रसोई जैसी जगहों पर नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने पर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस दिशा में रखें तिजोरी
ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान तिजोरी को वास्तु के अनुसार घर के सही स्थान पर रखने से धन आकर्षित होता है। वास्तु के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान धन की तिजोरी को घर की दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना शुभ माना जाता है। इस दिशा में पितरों का वास होने के कारण वह आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'