Vastu Tips: परिवार में रहती है क्लेश की समस्या, तो घर के मुख्य द्वार पर जलाएं दीपक, मिलेंगे कई लाभ
सनातन धर्म में पूजा के दौरान दीपक जलाने का अधिक महत्व है। सरसों का तेल या देशी घी का दीपक जलाने का रिवाज प्राचीन समय से चला आ रहा है। संध्याकाल में घर के द्वार पर दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना गया है। इससे नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर रहती है। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Deepak Jalane Ke Fayde: सनातन धर्म में पूजा के दौरान सरसों का तेल या देशी घी का दीपक जलाने का रिवाज प्राचीन समय से चला आ रहा है। ऐसा माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। आपने अपने आसपास अक्सर देखा होगा कि लोग शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाते हैं, लेकिन क्या कभी सोचा है कि आखिर शाम को दीपक क्यों जलाया जाता है और इससे किस तरह के फायदे मिलते हैं? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
कब जलाना चाहिए दीपक?
- शास्त्रों के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर शाम को दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि गोधूलि बेला में धन की देवी मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। इसलिए शाम को दीपक जलाना चाहिए।
मिलते हैं ये चमत्कारी लाभ
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर शाम को दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। ऐसा माना जाता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा के होने से तनाव और परिवार में लड़ाई-झगड़े का माहौल बना रहता है।
- अगर आप जीवन में कर्ज की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं। मान्यता है कि इससे कर्ज जल्द समाप्त होता है और परिवार के सदस्यों को बीमारी से छुटकारा मिलता है।
- इसके अलावा संध्याकाल में घर के प्रवेश द्वार के दाहिने तरफ तेल या घी का दीपक जलाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से राहु के दुष्प्रभावों से राहत मिलती है।
- अष्टमुखी दीपक को आठ दिव्य दिशाओं का प्रतीक माना गया है। घर के मुख्य द्वार पर अष्टमुखी दीपक जलाने से घर में सदैव शांति बनी रहती है और पारिवारिक क्लेश दूर होते हैं।