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Vastu Tips for Bargad Tree: करें बरगद के पेड़ के ये उपाय, खुल जाएंगे तरक्की के सभी रास्ते

ज्योतिष शास्त्र में बरगद के पेड़ को वट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। बरगद के पेड़ के विशेष उपाय करने से हर तरह की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।

By Jagran NewsEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sat, 20 May 2023 05:23 PM (IST)
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Vastu Tips for Bargad Tree तरक्की के लिए करें बरगद के पेड़ के ये उपाय।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Vastu Tips for Bargad Tree: बरगद के पेड़ को हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है। इसमें त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास है। बरगद का पेड़ लंबे समय तक अक्षय रहता है, इसलिए इसे 'अक्षयवट' भी कहते हैं। अक्सर मंदिरों में बरगद का पेड़ इसलिए ही लगाया जाता है कि इसमें देवी-देवताओं का वास होता है। वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं।

इस उपाय से पूर्ण होगी सभी मनोकामनाएं

हर शाम को बरगद के पेड़ के नीचे देसी घी का दीपक जलाकर विष्णु भगवान का ध्यान करें। इससे विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं और जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। बरगद के पेड़ में चारों ओर सूती धागा लपेटकर पूजा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी होती हैं।

इस दिन करें ये उपाय

शनिवार के दिन बरगद के तने पर हल्दी और केसर चढ़ाएं। इससे कारोबार में तेजी से मुनाफा होता है। वहीं शुक्रवार के दिन बरगद के पेड़ का एक साबुत पत्ता लेकर उस पर गीली हल्दी से स्वास्तिक बनाएं। फिर इस पत्ते को मंदिर या तिजोरी में रख दें। इससे सभी प्रकार की आर्थिक समस्याएं दूर होने लगती हैं और घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती।

इस उपाय से हनुमान जी होंगे प्रसन्न

अगर आप हनुमान जी की कृपा पाना चाहते हैं, तो बरगद के 108 साबुत हरे पत्ते लें। इन पत्तों पर लाल रंग की स्याही से 11 बार भगवान राम का नाम लिखें। इसके बाद ये पत्ते हनुमान जी को अर्पित करें। इससे हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

By- Suman Saini

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'