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बच्चों के स्टडी रूम में अपनाएं ये Vastu Tips, एकाग्रता बढ़ाने में मिलेगी मदद

माता-पिता अकसर अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान रहते हैं। ऐसे में आप बच्चों की पढ़ाई के लिए कुछ वास्तु टिप्स अपना सकते हैं। इन वास्तु टिप्स को घर में अपनाने से आपके बच्चे की एकाग्रता में वृद्धि हो सकती है। चलिए जानते हैं कुछ ऐसे ही वास्तु उपाय जो आपको बच्चों की ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 29 Jun 2024 10:59 AM (IST)
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Vastu Tips: बच्चों के स्टडी में अपनाएं ये वास्तु टिप्स। (Picture Credit: Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र को विशेष महत्व दिया गया है। यह हिंदू धर्म के सबसे पुराने विज्ञानों में से भी एक है। ऐसे में यदि आप घर में वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे सकारात्मकता का माहौल बना रहता है। आज हम आपको कुछ ऐसे वास्तु उपाय बताने जा रहे हैं, जो आपके बच्चों की ध्यान क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

इस दिशा में होना चाहिए कमरा

बच्चों के पढ़ाई वाले कमरों को हमेशा घर की पूर्व या पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए। बच्चों की पढ़ाई की टेबल को इस प्रकार रखें कि पढ़ते समय उनका मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। साथ ही बच्चों को मिले पुरस्कार, ट्रॉफी या फिर पोस्टर आदि को कमरे के उत्तर या पूर्व दीवार पर लगाना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

पढ़ाई की पढ़ाई की टेबल हमेशा साफ-सुथरी होनी चाहिए। किताबें इधर-उधर फैली नहीं होनी चाहिए। वास्तु शास्त्र में माना गया है कि बच्चों की स्टडी टेबल आयताकार या चौकोर होनी चाहिए। कमरे में भड़कीले रंगों की बजाय हल्के रंग जैसे हरा या पीले रंग का प्रयोग करें। इससे ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है।  

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कमरे में रखें ये चीजें

वास्तु के अनुसार, आप स्टडी रूम के गेट पर नीम की कुछ डालियां बांध सकते हैं। इससे सकारात्मकता बनी रहती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चों के स्टडी रूम में ज्यादा सामान भरा हुआ नहीं होना चाहिए। बच्चों के पढ़ाई के कमरे में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए। आप स्टडी रूम में हरे रंग के पर्दे लगा सकते हैं, इससे एकाग्रता बढ़ती है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।