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Gangajal Vastu Tips: वास्तु के अनुसार, ऐसे रखें घर में गंगाजल, बनी रहेगी सुख-शांति

कई व्रत-त्योहारों पर गंगा में डुबकी लगाने का भी विधान है इससे शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है। इसके साथ ही किसी भी मांगलिक कार्य की पवित्रता को बनाए रखने के लिए भी गंगाजल का प्रयोग किया जाता है। तो चलिए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में गंगाजल किस प्रकार रखना चाहिए ताकि इसका पूरा लाभ प्राप्त हो सके।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 06 Jun 2024 01:02 PM (IST)
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Gangajal Vastu Tips घर में ऐसे रखें गंगाजल।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म शास्त्रों में गंगा को कलयुग का तीर्थ स्थान बताया गया है। इसे बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। गंगा को पापमोचनी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गंगा में डुबकी लगाने मात्र से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसी प्रकार घर में गंगाजल रखने का भी विशेष महत्व माना गया है। लेकिन इसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।

इस दिशा में रखें गंगाजल

घर में गंगाजल को रखने के लिए सबसे अच्छा स्थान ईशान कोण यानी घर की उत्तर-पूर्व दिशा को माना गया है। वहीं आप घर के पूजा स्थान या मंदिर में भी गंगाजल रख सकते हैं। क्योंकि इन स्थानों पर देवी-देवताओं का वास माना जाता है।

इन नियमों का रखें ध्यान

वास्तु के अनुसार, घर में गंगाजल को रखने के लिए हमेशा शुद्ध पत्र का इस्तेमाल करना चाहिए। कोशिश करें कि गंगाजल को किसी प्लास्टिक के बर्तन में न रखें। इसके लिए तांबे, पीतल, चांदी या फिर मिट्टी के पात्र का उपयोग करना बेहतर माना जाता है।

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बनी रहेगी सुख-शांति

घर में समय-समय पर गंगाजल का छिड़काव करते रहना चाहिए। ऐसा करने से गृह क्लेश की स्थिति भी शांत होती है। साथ ही इससे घर में मौजूद नकारात्मकता का भी नाश होता है और सकारात्मक माहौल बन रहता है।

भूलकर भी न करें ये गलती

गंगाजल की पवित्रता को बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखना जरूरी है। इसे हमेशा साफ-सुथरे स्थान पर ही रखना चाहिए। गंगाजल को कभी भी अंधेरे स्थान पर न रखें। इसकी बजाय ऐसे स्थान का चुनाव करें जहां प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था हो। इस बात का भी ध्यान रखें कि हाथ में गंगाजल लेकर कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।