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Vastu Tips: खाना खाने से लेकर सोने तक, अगर रखेंगे इस दिशाओं का ध्यान, तो नहीं होगी कोई परेशानी

वास्तु शास्त्र में माना गया है कि घर से लेकर कार्यक्षेत्र तक वास्तु नियमों का ध्यान रखने से व्यक्ति को जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। वास्तु शास्त्र में खाना खाने से लेकर सोने तक के कुछ नियमों का जिक्र किया गया है। इन नियमों का ध्यान रखने से आपको जीवन की कई परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 31 Aug 2024 06:42 PM (IST)
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Vastu Tips खाना खाने से लेकर सोने तक रखें वास्तु नियमों का ध्यान।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वास्तु शास्त्र को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है। यह हिंदू प्रणाली के सबसे पुराने विज्ञानों में से एक माना गया है। वास्तु शास्त्र में हर दिशा का महत्व माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि वह कौन-से वास्तु नियम हैं, जिनका ध्यान रखने पर आपको जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

खाते समय रखें इस दिशा का ध्यान

इतना ही नहीं, अगर आप भोजन करते समय भी वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि खाना खाते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपसे प्रसन्न रहती है, जिससे घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती।

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सोने की सही दिशा

सोते समय भी व्यक्ति को वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है। वहीं उत्तर और पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। इसके साथ ही घर के मुख्य द्वार के सामने नहीं सोना चाहिए और न ही दरवाजे की तरफ आपके पैर होने चाहिए।

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इन नियमों का भी रखें ध्यान

घर में कभी भी बंद घड़ी को नहीं रखना चाहिए, क्योंकि वास्तु शास्त्र में इसे दुर्भाग्य का प्रतीक माना गया है। इसी के साथ घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में कोई भी भारी सामान रखने से बचना चाहिए। आपके घर का मंदिर ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।