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Vastu Tips: घर की नींव में क्यों रखते हैं चांदी के नाग-नागिन और कलश? भागवत गीता में है वर्णन

घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन और कलश रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शेषनाग क्षीरसागर में रहते हैं। इसी वजह से नींव पूजा के दौरान कलश में दूध घी और दही समेत आदि चीजों का अर्पित कर शेषनाग को बुलाया जाता है जिससे वे घर की रक्षा कर सके। साथ ही इससे वास्तु दोष से छुटकारा भी मिलता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 25 May 2024 01:16 PM (IST)
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Vastu Tips: घर की नींव में क्यों रखते हैं चांदी के नाग-नागिन और कलश? (Pic Credit-Freepik

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Silver Snake Significance: घर को बनवाते समय कई नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है। ऐसा माना जाता है कि घर की नींव रखते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना बेहद फलदायी होता है। घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन और कलश रखा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है और इसके पीछे का रहस्य क्या है? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

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इसलिए रखे जाते हैं चांदी के नाग-नागिन

श्रीमद् भागवत महापुराण के पांचवें स्कंद में उल्लेख है कि धरती के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। इसलिए घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन को रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शेष नाग इससे संपत्ति और घर की सदैव रक्षा करते हैं।

मिलते हैं ये फायदे

  • घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन को रखने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, नाग-नागिन के जोड़े से वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है।  
  • घर की नींव में नाग-नागिन के जोड़े को रखने से घर पर बुरी शक्तियों को कोई असर नहीं होता है। साथ ही नजर दोष से बचाव होता है।  
  • इसके अलावा घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है ।
  • अगर आप चांदी के नाग-नागिन नहीं रख सकते हैं, तो पीतल के नाग-नागिन भी रख सकते हैं।

नींव में इसलिए रखा जाता है कलश

  • मान्यता है कि कलश में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। घर की नींव रखने के दौरान कलश भी रखा जाता है। इसमें सिक्का, फूल और दूध डाला जाता है, जो नाग देवता को प्रिय है।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शेषनाग क्षीरसागर में रहते हैं। इसी वजह से नींव पूजा के दौरान कलश में

    दूध, घी और दही समेत आदि चीजों का अर्पित कर शेषनाग को बुलाया जाता है, जिससे वे घर की रक्षा कर सके।  

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।