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Vastu Tips: दक्षिण दिशा को लेकर कभी न करें ये गलतियां, बन सकती हैं परेशानी का सबब

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार दक्षिण दिशा को यम और पितरों की दिशा माना जाता है। ऐसे में इस दिशा से जुड़े कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है वरना जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आ सकती हैं। तो चलिए जानते हैं दक्षिण दिशा (Vastu Tips for South Direction) से जुड़े कुछ जरूरी वास्तु नियम।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 18 Jul 2024 04:12 PM (IST)
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South Direction Vastu Tips: दक्षिण दिशा को लेकर कभी न करें ये गलतियां।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वास्तु शास्त्र में हर दिशा का एक विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में यदि आप प्रत्येक दिशा से जुड़े नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं। लेकिन इन नियमों को नजरअंदाज करने से व्यक्ति के जीवन में मुश्किलें बढ़ने लगती हैं। ऐसे में बेहतर परिणाम के लिए वास्तु नियमों (Vastu Tips For House) का जरूर ध्यान रखें।

सोने के नियम

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दक्षिण दिशा में बेडरूम नहीं होना चाहिए। इससे नींद में बाधा उत्पन्न होती है। साथ ही दक्षिण दिशा में बेड होने से पितृ दोष भी लग सकता है। इसके साथ ही दक्षिण दिशा में कभी पैर रखकर भी नहीं सोना चाहिए, ऐसा करना बहुत ही अशुभ माना जाता है। ऐसा करना आपके लिए कई बीमारियों का कारण बन सकता है।

न रखें ये चीजें

घर की दक्षिण दिशा में भूलकर भी तुलसी का पौधा, मंदिर, इलेक्ट्रॉनिक सामान या फिर जूते-चप्पल नहीं होने चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को अपने जीवन में नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। साथ ही इन चीजों को दक्षिण दिशा में रखने से धन की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।

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इन बातों का रखें ध्यान

वास्तु शास्त्र में माना गया है कि दक्षिण दिशा में कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए। है। ऐसे में अगर आप उस दिशा की ओर मुंह करके भोजन करते हैं, तो इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही दक्षिण दिशा में कभी अपने परिवार की फोटो भी न लगाएं, इससे आपको अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।