Vastu Tips: घर के मंदिर में इन चीजों को रखने से मिल सकते हैं नकारात्मक परिणाम, आज ही करें इन्हें बाहर
घर के मंदिर (Temple) में देवी-देवताओं को विराजमान किया जाता है। इनकी रोजाना विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष चीजों का भोग लगाया जाता है। इससे जातक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में कुछ चीजों को रखने से इंसान को जीवन में नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं।
Vastu Tips For Mandir: सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा करने का विशेष महत्व है। इन देवी-देवताओं की मूर्तियों को घर के मंदिर में विराजमान किया जाता है। इनकी रोजाना विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष चीजों का भोग लगाया जाता है। इससे जातक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में कुछ चीजों को रखने से इंसान को जीवन में नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं और कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं मंदिर में किन चीजों का रखने से बचना चाहिए।
यह भी पढ़ें: Sawan 2024: सावन में इस बार पड़ रहे हैं इतने सोमवार, जानें डेट
मंदिर में न रखे ये चीजें
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में भूलकर भी भगवान के रूद्र स्वरूप की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए और खंडित मूर्ति भी रखने से भी बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन तरह की मूर्तियों को मंदिर में रखने से आर्थिक तंगी में वृद्धि होती है।
- इसके अलावा घर के मंदिर में कैंची समेत अन्य नुकीली चीजों को नहीं रखना चाहिए। अगर आपने भी मंदिर में इस तरह की चीजों को रखा हुआ है, तो आज ही हटा दें। नुकीली चीजों को रखने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। ।
- मंदिर में सूखे फूल और माताओं को भी नहीं रखना चाहिए।
- मंदिर में कटी-फटी धार्मिक पुस्तकों को रखने से नकारात्मकता ऊर्जा का वास होता है। इसलिए इस तरह की धार्मिक पुस्तकों को मंदिर में रखने की मनाही है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर या आसपास पितरों और पूर्वजों की प्रतिमा लगाने से इंसान को बुरे परिणाम मिल सकते हैं। अगर आपने भी मंदिर में इस तरह की प्रतिमा को रखा हुआ है, तो उन्हें आज ही हटा दें।
इस दिशा में रखें मंदिर
घर में मंदिर को रखने के लिए पूर्व दिशा को उत्तम माना गया है। इस दिशा में मंदिर रखने से आपका मुख पूजा करते समय पूर्व की तरफ होगा और पीठ पश्चिम दिशा में रहेगी।
यह भी पढ़ें: Manikarnika Ghat: बेहद प्रसिद्ध है मणिकर्णिका घाट, जानें कैसे पड़ा इसका नाम?
अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।