Temple Vastu Tips: मंदिर में भूलकर भी न रखें ऐसी मूर्तियां, अच्छे की जगह मिल सकते हैं बुरे परिणाम
वास्तु शास्त्र हिंदू धर्म के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण विज्ञानों में से एक है। माना गया है कि यदि व्यक्ति अपने घर और कार्यक्षेत्र में वास्तु के नियमों का ध्यान रखता है तो उसे जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति को अपने घर के मंदिर में भी कुछ खास नियमों का ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं मंदिर से जुड़े कुछ खास नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vastu Tips for Temple: वैसे तो हर घर के मंदिर में अलग-अलग देवी-देवताओं की मूर्ति रखी जाती है। लेकिन वास्तु शास्त्र में माना गया है कि कुछ देवी-देवताओं की मूर्ति या फिर तस्वीर को अपने घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए, अन्यथा इसके नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं। ऐसे में जानते हैं कि किन देवी-देवताओं की मूर्ति या तस्वीर को घर के मंदिर में रखना अशुभ माना गया है।
इसलिए न रखें शनि देव की मूर्ति
शनि देव को हिंदू धर्म में न्याय का देवता माना जाता है। वहीं कई लोग शनि देव की पूजा-अर्चना भी करते हैं, लेकिन उनकी तस्वीर या फिर मूर्ति को घर के मंदिर में रखने की मनाही होती है। क्योंकि वह एक उग्र देव माने गए हैं। इसलिए शनि देव की पूजा घर की बजाय मंदिर में जातक ही करना अधिक शुभ माना गया है।
मिल सकते हैं अशुभ परिणाम
शनिदेव की भांति ही मां काली की मूर्ति और तस्वीर को भी घर के मंदिर में रखना अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि वह भी उग्र देव-देवताओं में शामिल हैं। इसलिए इनकी पूजा घर में नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही मां काली की पूजा के नियम भी काफी कठिन होते हैं और इसे घर में करना उचित नहीं समझा जाता।नटराज की मूर्ति
अधिकतर लोग घर में नटराज की मूर्ति रखना पसंद करते हैं, लेकिन नटराज वास्तव में भगवान शिव का रौद्र रूप माने जाते हैं। ऐसे में नटराज की मूर्ति को घर के मंदिर में रखने से बचना चाहिए, वरना घर में कलह व अशांति का माहौल बना रहता है।यह भी पढ़ें - Chinnamasta Jayanti 2024: इस दिन मनाई जाएगी छिन्नमस्ता जयंती, इस पूजा विधि से करें मां को प्रसन्न
इन बातों का भी रखें ध्यान
देवी-देवताओं की मूर्ति अलग-अलग मुद्राओं में भी मिलती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की हमेशा बैठी हुई मूर्ति ही घर में लानी चाहिए। खड़ी हुई या अन्य किसी मुद्रा में देवी-देवताओं की मूर्ति के मंदिर में रखना शुभ नहीं माना जाता।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।