Vastu Tips of Books: वास्तु के मुताबिक रखें किताबें, बढ़ेगी एकाग्रता और मिलेगी सफलता
Vastu Tips of Books किताबों को पढ़ने के साथ उनके रख रखाव से भी हमारी पढ़ाई और सफलता पर प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको बता रहें हैं कि वास्तु के अनुसार विद्यार्थियों को किताबों का कैसे रख-रखाव करना चाहिए.....
By Jeetesh KumarEdited By: Updated: Mon, 18 Oct 2021 09:51 AM (IST)
Vastu Tips of Books: किताबों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है, खासतौर से विद्यार्थियों के जीवन में। एक ओर जहां किताबों से हमें ज्ञान और जानकारी मिलती है तो वहीं दूसरी ओर किताबें हमें मुश्किलों से निकलने की राह भी प्रदान करती हैं।वहीं विद्यार्थियों के लिए किताबें उनके जीवन का आधार है। विद्यार्थियों की सफलता और विफलता किताबों पर ही आधारित होती हैं। लेकिन किताबों को पढ़ने के साथ,उनके रख रखाव से भी हमारी पढ़ाई और सफलता पर प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको बता रहें हैं कि वास्तु के अनुसार विद्यार्थियों को किताबों का कैसे रख-रखाव करना चाहिए.....
1-वास्तु शास्त्र के अनुसार विद्यार्थियों को स्टडी रूम में अपनी किताबों को पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। हालांकि पढ़ते समय उन्हें अपना मुहं हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में रखना चाहिए।2- स्टडी रूम में किताबों को इधर-उधर फेंक कर नहीं रखना चाहिए। पढ़ने के बाद किताबों को बुक सेल्फ में सही से व्यवस्थित करके रखें।
3- वास्तु के अनुसार पढ़ने के बाद किताबें कभी खुली नहीं छोड़नी चाहिए। ऐसा करना पढ़ाई करने के मन पर विपरीत प्रभाव डालता है।
4- बुक सेल्फ में किताबों को पर धूल, गंदगी नहीं चढ़ने देनी चाहिए। ये निगेटिविटी बढ़ाता है।
5- स्टडी टेबल पर किताबों का ज्यादा बोझ नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से करने से पढ़ाई करने वाले के मन पर मनौवैज्ञानिक दबाव बनने लगता है।6- कम्प्युटर या लैपटॉप को स्टडी रूम में दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। लेकिन ध्यान रखें कि उस पर काम करते समय आपका मुंह उत्तर या पूर्व दिशा में हो न कि दक्षिण दिशा में।
7- कभी लेट कर किताब नहीं पढ़ना चाहिए। इससे एक ओर आंखों पर ज्यादा जोर पड़ता है तो दूसरी ओर पढ़ाई में एकाग्रता नहीं बनती है।डिसक्लेमर 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'