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ChatGPT बना ऑनलाइन ठगी का नया ठिकाना! फर्जी ऐप के जरिए पर्सनल डिटेल चुरा रहे स्कैमर्स; जानें बचने का तरीका

Fake ChatGPT App रिसर्चर ने चेतावनी दी है कि ऐसे APK मालवेयर ऐप जो बिलकुल ChatGPT की तरह दिखते हैं ये काफी खतरनाक होते हैं। इन ऐप की मदद से मोबाइल डिवाइस के डेटा को लीक किया जा सकता है। आइए इनसे बचने का तरीका बताते हैं। (फोटो-जागरण)

By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Sat, 17 Jun 2023 09:15 PM (IST)
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ChatGPT themed fake apps are threatening the security of mobile phone users
नई दिल्ली, टेक डेस्क। ChatGPT ने 30 नवंबर, 2022 को पहली बार उपलब्ध होते ही काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है। ChatGPT की पॉपुलैरिटी को देखते हुए ढेरों आईटी कंपनियों ने इसकी तरफ अपनी दिलचस्पी दिखाई हैं। इतनी पॉपुलैरिटी होने के बाद अब ChatGPT स्कैमर्स के हाथ लग गया है।

स्कैमर्स नकली चैटGPT AI चैटबॉट्स को रोल आउट करके भोले-भाले यूजर्स का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। कई ऐसे यूजर्स हैं जो फेक चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर रहे हैं। आइए आपको पूरी खबर डिटेल से बताते हैं।

एक रिसर्चर के अनुसार, OpenAI के GPT-3.5 और बाद में GPT-4 के लॉन्च के साथ-साथ मैलवेयर वेरिएंट की एक नई लहर सामने आई है। ये फेक एप्लिकेशन उन यूजर्स को टारगेट करने के लिए बनाया गया है जो ChatGPT टूल का इस्तेमाल करते हैं।

इन दो फेक ChatGPT मालवेयर ऐप की हुई पहचान

रिसर्चर द्वारा आगे की जांच में दो अलग-अलग प्रकार के एक्टिव मालवेयर की पहचान की गई है। पहले वाला "SuperGPT" ऐप है लेकिन वास्तव में, यह एक मीटरप्रेटर ट्रोजन है। यह एक GPT-4 संचालित AI असिस्टेंट है, जो ईमेल लिखने, सवालों के जवाब देने और आर्टिकल लिखने जैसे कामों को करने में सक्षम है। इसके अलावा, यह स्पीच और लैंग्वेज ट्रांसलेट का भी काम करता है।

दूसरा वर्जन "ChatGPT" ऐप के रूप में प्रस्तुत करता है, लेकिन इसके बजाय थाईलैंड में स्थित प्रीमियम नंबरों पर मैसेज भेजता है। इस एप्लिकेशन का अलग वर्जन हैकर्स को एंड्रॉइड डिवाइस को दूर से एक्सेस करने की अनुमति देता है। इसके अलावा, इन सभी APK फाइल में उनके एप्लिकेशन आइकन के रूप में OpenAI लोगो होता है, जो आमतौर पर ChatGPT से जुड़ा होता है।

ChatGPT APK मालवेयर ऐप से हो जाएं सावधान

रिसर्चर ने चेतावनी दी है कि ऐसे APK मालवेयर ऐप जो बिलकुल ChatGPT की तरह दिखते हैं, ये काफी खतरनाक होते हैं। इन ऐप की मदद से मोबाइल डिवाइस के डेटा को लीक किया जा सकता है और आपके प्राइवेसी के साथ छेड़-छाड़ हो सकती है।

ऐसे ऐप को बनाने के पीछे स्कैमर्स का सीधा मतलब आपके पैसे से होता है। असली ऐप की तरह दिखने वाले ये नकली ऐप आपके फोन की डेटा को एक्सेस करते हैं और फिर बैंक डिटेल चुराकर आपको ठगी का शिकार बनाते हैं।

चैटजीपीटी यूजर्स इन बातों का रखे ध्यान

  1. इस तरह के मैलवेयर से खुद को बचाने के लिए अपने स्मार्टफोन पर एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इन्स्टॉल करें।
  2. थर्ड-पार्टी ऐप्स को डाउनलोड करते समय सावधानी बरतें।
  3. हमेशा विश्वसनीय स्रोतों से ही ऐप्स डाउनलोड करें।
  4. डाउनलोड करने से पहले हमेशा ऐप डेवलपर का नाम चेक करें।
  5. जब भी नए सिक्योरिटी पैच उपलब्ध हों, उसे अपने फोन में अपडेट करते रहें।