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सरकार ने बनयाा योगा प्रोटोकॉल, कल लॉन्च होगा नया Y-Break ऐप

Y-Break App Launch नया सरकारी Y-Break ऐप iOS और एंड्राइड दोनों प्लेटफॉर्म के लिए उपलब्ध है। इस ऐप को बुधवार को आयुष मिनिस्टर सर्बानंद सोनेवाल लॉन्च करेंगे। फाइव-मिनट प्रोटोकॉल में आसन प्रणायाम और ध्यान जैसे व्यायाम ऐप में शामिल रहेगा।

By Saurabh VermaEdited By: Updated: Tue, 31 Aug 2021 05:32 PM (IST)
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यह Y-Break ऐप की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।
नई दिल्ली, पीटीआई। आयुष मिनिस्ट्री की तरफ से एक नया योगा प्रोटोकॉल बनाया जा रहा है, जो आपके रूटीन वर्क और हेल्प प्रोफोशनल से जुड़ा रहेगा। यह प्रोटोकॉम खासकर ऑफिस जाने वाले लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस ऐप के इस्तेमाल के लिए अलग से वक्त नहीं निकालना होगा। बस ऑफिस के दौरान 5 मिनट की ब्रेक में ऐप का इस्तेमाल करके खुद को स्ट्रेस फ्री और फोकस रखा जा सकेगा। यह नया सरकारी Y-Break ऐप iOS और एंड्राइड दोनों प्लेटफॉर्म के लिए उपलब्ध है। इस ऐप को बुधवार को आयुष मिनिस्टर सर्बानंद सोनेवाल लॉन्च करेंगे। फाइव-मिनट प्रोटोकॉल में आसन, प्रणायाम और ध्यान जैसे व्यायाम ऐप में शामिल रहेगा। 

क्या है योगा प्रोटोकॉल 

दरअसल केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से ऑफिस जाने वाले लोगों को कुछ योगा नियम-कानून बनाये गये हैं, जिन्हें योगा प्रोटोकॉल का नाम दिया गया है। इसमें कुछ बेसिक एक्सरसाइज होती हैं। योगा प्रोटोकाल और ऐप बनाने में कई सारी रिसर्च और कई स्टडीज की मदद ली गई है। साथ ही कई सारे योगा एक्सपर्ट और रिसर्चर ने मॉडर्न टेक्नोलॉजी को साथ रखते हुए कारपोरेट जगत के कर्मचारियों के लिए नया Y-Break ऐप बनाया है। रिपोर्ट की मानें, 5 मिनट योगा प्रोटोकॉल से कई सालों तक फायदा मिलेगा।

किसकी मदद से बना गया ऐप 

योग प्रोटोकॉल और ऐप को मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा (MDNIY) के सहयोग से बनाया गया है, जो कि एक ऑटोनॉमस बॉडी है। यह आयुष मिनिस्ट्री के तहत काम करती है। साथ ही कई अन्य इंस्टीट्यूट जैसे कृष्णामचारी योगा मंदिर चेन्नई मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट बेलुर मैथ, NIMHANS-बैंगलोर और कैवल्याधाम हेल्थ और योगा रिसर्च सेंटर-लोनावला ने इस ऐप को बनाने में मदद की है।ॉ

होंगे कई तरह के लाभ

योगा एक्सपर्ट की मानें, लोग ऑफिस में घंटों लगातार काम करते हैं। हालांकि लोगों को काम के दौरान छोटा ब्रेक लेना चाहिए। जिससे स्ट्रेस को कंट्रोल रखा जा सकेगा। इसका असर ना सिर्फ आपकी फिजिकल हेल्थ बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी पड़ेगा। ऐसा देखा जाता है कि कारपोरेट प्रोफेशनल्स को अधिकतर वर्क स्ट्रेस और नकरात्मक इंपैक्ट देखा जाता है। 

फीडबैक के आधार पर किया गया तैयार

फाइव-मिनट प्रोटोकॉल का मकसद योगा वर्कप्लेस को मजेदार बनाना है। प्रोटोकॉल में स्ट्रेचिंग एक्ससाइज जैसे फीचर्स का एक्सपीरिएंस मिलेगा। प्रोटोकॉल को 6 प्रमुख मेट्रो शहरों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के 717 लोगों के फीडबैक के आधार पर तैयार किया गया है।