खुद का इंटरनेट ब्राउजर लॉन्च करने की तैयारी में भारत, शुरू हुआ इंडियन वेब ब्राउजर डेवलपमेंट चैलेंज
भारत के आईटी मंत्रालय के पास घरेलू वेब ब्राउजर लॉन्च करने की एक नई योजना है। भारत के आईटी मंत्रालय ने इस सप्ताह इंडियन वेब ब्राउज़र डेवलपमेंट चैलेंज नामक एक प्रतियोगिता शुरू की है। प्रतियोगिता में कुल तीन राउंड होंगे और तीसरे राउंड के अंत में विजेता प्रतिभागियों को $410685 (लगभग 3.4 करोड़ रुपये) का पुरस्कार दिया जाएगा। 9 अगस्त को इस प्रतियोगिता को हरी झंडी दिखाई गई।
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Fri, 11 Aug 2023 07:22 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत धीरे-धीरे लेकिन लगातार अपने ब्लॉकचेन और वेब3 टेस्टिंग में आगे बढ़ रहा है। भारत अभी भी क्रिप्टो नियम तैयार करने और अपने eRupee CBDC पर टेस्टिंग करने पर काम कर रहा है। भारत के आईटी मंत्रालय के पास घरेलू वेब ब्राउजर लॉन्च करने की एक नई योजना है।
यह भारतीय वेब ब्राउजर Web3 क्षमताओं से भरपूर होगा। इस ब्राउजर में ब्लॉकचेन को शामिल करने का विचार है। आइए आपको इसके बारे में डिटेल से बताते हैं।
इंडियन वेब ब्राउज़र डेवलपमेंट चैलेंज हुआ शुरू
भारत के आईटी मंत्रालय ने इस सप्ताह इंडियन वेब ब्राउज़र डेवलपमेंट चैलेंज नामक एक प्रतियोगिता शुरू की है। प्रतियोगिता में कुल तीन राउंड होंगे और तीसरे राउंड के अंत में विजेता प्रतिभागियों को $410,685 (लगभग 3.4 करोड़ रुपये) का पुरस्कार दिया जाएगा। मंत्रालय के सचिव अलकेश कुमार शर्मा सहित भारत के आईटी मंत्रालय के अधिकारियों ने 9 अगस्त को इस प्रतियोगिता को हरी झंडी दिखाई।
प्रतियोगिता का उद्देश्य भारत के लिए एक घरेलू वेब ब्राउज़र बनाने के लिए भारत की डेवलपर प्रतिभा को प्राप्त करना है, जिससे Google Chrome , फ़ायरफ़ॉक्स , सफारी और माइक्रोसॉफ्ट एज जैसे स्थापित विदेशी खिलाड़ियों पर हमारी निर्भरता कम हो सके।
स्वदेशी ब्राउजर की खासियत
इस ब्राउज़र को मिलने वाली उन्नत सुविधाओं के हिस्से के रूप में, भारतीय जल्द ही क्रिप्टो टोकन का इस्तेमाल करके दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर करने में सक्षम हो सकते हैं। इस कार्यक्षमता के बारे में अभी तक आधिकारिक जानकारी विस्तार से सामने नहीं आई है।जबकि भारत अभी केवल क्रिप्टो ट्रेडिंग और होल्डिंग की अनुमति देता है। घरेलू वेब ब्राउज़र में क्रिप्टो को एम्बेड करने की इसकी योजना देश के वेब3 उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत लगती है। इस साल दिसंबर तक, भारत क्रिप्टो कानूनों का एक सेट पेश कर सकता है, जो वैश्विक स्तर पर काम कर सकता है।
भारत अस्थिर डिजिटल संपत्ति उद्योग की निगरानी के लिए विस्तृत नियमों का मसौदा तैयार करने के लिए अन्य देशों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निकायों के साथ मिलकर काम कर रहा है।