72 लाख से भी अधिक WhatsApp अकाउंट को Meta ने किया बैन, Facebook-Insta ने इन कंटेंट को प्लेटफॉर्म से हटाया
Meta Account Ban News रिपोर्ट के अनुसार मेटा के स्वामित्व वाली इंस्टेंट मैसेजिंग कंपनी ने 1 जुलाई से 31 जुलाई 2023 के बीच भारत में 72 लाख से अधिक वॉट्सऐप अकाउंट को बैन किया है। इसके अलावा मेटा ने इंस्टाग्राम फेसबुक अकाउंट पर भी करवाई की है। भारत में यूजर्स से प्राप्त शिकायतों की जानकारी और जुलाई महीने के लिए शिकायत GAC से प्राप्त आदेशों की लिस्ट दी गई है।
By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Mon, 04 Sep 2023 10:18 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। अगर आप पॉपुलर सोशल मीडिया जैसे इंस्टाग्राम, वाट्सऐप और फेसबूक का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। वॉट्सऐप ने सितंबर महीने के लिए अपनी मंथली इंडिया रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में उन अकाउंट के बारे में डिटेल दी गई है जिनको कंपनी ने बैन किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, मेटा के स्वामित्व वाली इंस्टेंट मैसेजिंग कंपनी ने 1 जुलाई से 31 जुलाई, 2023 के बीच भारत में 72 लाख से अधिक वॉट्सऐप अकाउंट को बैन किया है। इसके अलावा मेटा ने इंस्टाग्राम, फेसबुक अकाउंट पर भी करवाई की है। आइए आपको इस खबर के बारे में विस्तार से बताते हैं।
21 मिलियन से अधिक कंटेंट को किया गया डिलीट
मेटा ने अपनी मंथली रिपोर्ट जारी की है जिसमें फेसबुक और इंस्टाग्राम दोनों पर बैड कंटेंट या पॉलिसी को उंल्लघन करने वाले कंटेंट को प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है। भारत में यूजर्स से प्राप्त शिकायतों की जानकारी और जुलाई महीने के लिए शिकायत अपीलीय समिति (GAC) से प्राप्त आदेशों की लिस्ट दी गई है।
31 अगस्त को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने 1 जुलाई से 31 जुलाई के भीतर भारत में फेसबुक के लिए 13 नीतियों में 15.8 मिलियन से ज्यादा कंटेंट और इंस्टाग्राम के लिए 12 नीतियों में 5.9 मिलियन से ज्यादा कंटेंट को हटा दिया है।
इसलिए प्रकाशित करनी पड़ती है मंथली रिपोर्ट
बड़े डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिनके 5 मिलियन से अधिक यूजर्स हैं, उन्हें आईटी नियम 2021 के अनुसार मंथली रिपोर्ट प्रकाशित करने की आवश्यकता है। नई मंथली रिपोर्ट में, मेटा ने कंटेंट रिपोर्ट को संबोधित करने के लिए टूल पर भी प्रकाश डाला है। मंथली रिपोर्ट में कंपनी को सरकार को एक डेटा देना होता है कि कंपनी ने रिपोर्ट किये गए किन अकाउंट पर एक्शन लिया है। ये रिपोर्ट हर महीने निकालनी पड़ती है।