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वॉट्सऐप का फेक न्यूज को लेकर बड़ा कदम, भारत में कोमल लाहिरी को बनाया Grievance Officer

कोमल लाहिरी की जिम्मेदारी वॉट्सऐप पर यूजर्स द्वारा फैलाई जा रही खबरों और शिकायतों को दूर करना है

By Shilpa Srivastava Edited By: Updated: Tue, 25 Sep 2018 07:30 AM (IST)
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वॉट्सऐप का फेक न्यूज को लेकर बड़ा कदम, भारत में कोमल लाहिरी को बनाया Grievance Officer
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। वॉट्सऐप पर फैल रही फर्जी खबरों को रोकने के लिए कंपनी ने भारत में एक Grievance Officer (शिकायत निपटान अधिकारी) कोमल लाहिरी को नियुक्त किया है। कोमल लाहिरी की जिम्मेदारी वॉट्सऐप पर यूजर्स द्वारा फैलाई जा रही खबरों और शिकायतों को दूर करना है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वॉट्सऐप ऐप की सेटिंग्स में FAQ सेक्शन में सीधे कंपनी की सपोर्ट टीम से संपर्क किया जा सकता है।

कोमल लाहिरी कसेंगी फेक न्यूज पर शिकंजा:

यूजर्स को आ रही किसी भी परेशानी को ईमेल द्वारा सीधे अधिकारी तक पहुंचाया जा सकता है। यूजर्स ऐप या ईमेल के जरिए कोमल लाहिरी से मदद ले सकते हैं। कोमल लाहिरी की लिंक्डिन प्रोफाइल के मुताबिक, वो वॉट्सऐप की वैश्विक ग्राहक परिचालन और स्थानीयकरण विभाग की वरिष्ठ निदेशक हैं। देखा जाए तो फिलहाल कंपनी ने कोमल लाहिरी की नियुक्ति के बारे में घोषणा नहीं की है। लेकिन कंपनी की वेबसाइट पर कोमल लाहिरी को Grievance Officer के तौर पर दिखाया गया है। आपको बता दें कि कोमल अमेरिका में रहती हैं लेकिन वो भारत में वॉट्सऐप फेक न्यूज के मसले संभालेंगी।

सूत्रों की मानें तो कोमल लाहिरी को Grievance Officer अगस्त के अंत में नियुक्त किया गया है। वॉट्सऐप वेबसाइट के मुताबिक, यूजर्स कंपनी की सपोर्ट टीम के साथ सीधे कॉन्टेक्ट कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सेटिंग्स में जाना होगा। अगर ग्राहक अपनी शिकायत को आगे पहुंचाना चाहते हैं तो वो Grievance Officer से डायरेक्ट बात कर सकते हैं।

वॉट्सऐप को लेकर मोदी सरकार सख्त:

वॉट्सऐप पर फेक मैसेज को लेकर मोदी सरकार ने सख्त संदेश दिया था। मोदी सरकार ने कंपनी को भारत में काम करने के लिए कॉरपोरेट यूनिट बनाने और फेक मैसेज के ओरिजनल सोर्स का पता लगाने के लिए तकनीकी समाधान ढूंढने को कहा था। इस मामले को लेकर आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने वॉट्सऐप के प्रमुख क्रिस डेनियल्स से मुलाकात भी की थी। रविशंकर ने बताया था कि वॉट्सऐप से भारत में फेक न्यूज रोकने के लिए एक कंपनी बनाने को कहा गया है। साथ ही किसी भी फेक मैसेज को फैलाने वाले ओरिजनल सोर्स का पता लगाने को भी कहा गया है। इसके अलावा रविशंकर ने कहा कि किसी भी मैसेज का सोर्स पता लगाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। बस वॉट्सऐप के पास इसका पता लगाने के लिए एक मैकेनिज्म होना चाहिए।

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