Li-Fi तकनीक में LED बल्ब से चलता है इंटरनेट, Wi-Fi से भी तेज करता है काम
Li-Fi वायरलेस कम्युनिकेशन पर काम करने वाली एक तकनीक है, जहां डिवाइस डाटा ट्रांसमिट के लिए प्रकाश(लाइट) का इस्तेमाल करता है।
By Shridhar MishraEdited By: Updated: Thu, 07 Jun 2018 11:36 AM (IST)
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। Li-Fi का पूरा फुल फॉर्म है Light Fidelity। यह वायरलेस कम्युनिकेशन पर काम करने वाली एक तकनीक है, जहां डिवाइस डाटा ट्रांसमिट के लिए प्रकाश (लाइट) का इस्तेमाल करता है। Li-Fi को साल 2011 एक जर्मन व्यक्ति ने लोगों के सामने पेश किया था।
इंटरनेट के इस युग में यह तकनीक किसी क्रांति से कम नहीं है। मौजूदा समय में सिग्नल लेने और भेजने के लिए रेडियो सिग्नल्स का इस्तेमाल होता है लेकिन Li-Wi तकनीक में सिग्नल लेने और भेजने के लिए प्रकाश का इस्तेमाल होता है।कैसे काम करती है Li-Wi तकनीक?
जैसा कि हम आपको पहले बता चुके हैं कि Li-Wi तकनीक में सिग्नल भेजने और रिसीव करने के लिए प्रकाश का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल एलईडी लाइट सिग्नल भेजने के लिए एक सेकेंड्स में लाखों बार टिमटिमाती है, जिसे हम अपनी खुली आंखों से नहीं देख पाते हैं और हमें लगता है कि बल्ब लगातार जल रहा है।
Li-Wi तकनीक की खासियत
- Li-Wi तकनीक की कई खासियतों में से एक यह भी है कोई भी आपके इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर सकता है जब तक आप न चाहें। ऐसा इसलिए क्योंकि इंटरनेट सिग्नल उसी जगह पर आता है जहां आपने लाइट को लगाया हो।
- Li-Wi की दूसरी खासियतों में से एक इसका Wi-Fi की तुलना में कई गुना तेज काम करना शामिल है। आपको सिग्नल के लिए Li-Fi डॉन्गल लगाना होगा।
- Wi-Fi तकनीक रेडियो सिग्नल पर काम करता है, जो पर्यावरण और कई जीव जैसे पक्षियों के लिए हानिकारक होता है। लेकिन Li-Fi पर्यावरण की नजर से काफी सुरक्षित तकनीक है। इसलिए इसे ग्रीन तकनीक भी कहा जा सकता है।