मोबाइल जगत में इन फोन्स ने रच दिया इतिहास, यूजर्स आज भी देते हैं मिसाल
यह मोबाइल फोन्स तकनीक के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुए
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। मौजूदा समय को अगर स्मार्टफोन क्रांति का नाम दिया जाए तो गलत नहीं होगा। हर रोज स्मार्टफोन्स में बदलाव हो रहे हैं। महीने भर के अंदर नया स्मार्टफोन पुराना हो जा रहा है। शानदार फीचर्स से लैस स्मार्टफोन्स दिन ब दिन सस्ते होते जा रहे हैं। तकनीक के क्षेत्र में जितना बदलाव स्मार्टफोन्स में हुए हैं शायद ही किसी दूसरे क्षेत्र में हुए होंगे, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब मोबाइल लोगों के लिए किसी सपने से कम नहीं था। उस समय मोबाइल फोन आम आदमी के बजट से काफी दूर थे, लेकिन शुक्र हो उन मोबाइल फोन्स का जिन्होंने तकनीक की भाषा ही बदल दी। हम आपको उन मोबाइल फोन्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी तकनीक से दुनिया को चौंका दिया और जिन्हें आज भी यूजर्स याद करते हैं।
मोटोरोला डायना टैक- साल 1984 में लॉन्च हुए मोटोरोला डायना टैक की कीमत 4000 डॉलर थी। इस फोन के बाद से ही मोबाइल फोन का प्रचलन शुरु हुआ था। इस फोन को चार्ज होने में 10 घंटे लगते थे, जिसके बाद फोन से सिर्फ 30 मिनट बात होती थी। फोन में यूजर सिर्फ 30 लोगों के नाम ही स्टोर कर पाते थे।
मोटोरोला स्टार टैक- साल 1996 में लॉन्च हुए मोटोरोला स्टार टैक की कीमत 1000 डॉलर थी। ये दुनिया का पहला क्लैमशेल फोन था। स्टार टैक 2G फोन था। इसका डिस्प्ले 4x15 का था. फोन में वाइब्रेशन अलर्ट के साथ 500 एमएएच की बैटरी दी गई थी।
नोकिया कम्यूनिकेटर- साल 1996 में लॉन्च हुआ नोकिया कम्यूनिकेटर नोकिया का सबसे पहला फोन था। फोन में 8 एमबी की स्टोरेज दी गई थी जिसे यूजर सिर्फ 4 एमबी तक ही इस्तेमाल कर सकते थे। फोन में ई-मेल भेजने की सुविधा दी गई थी।
नोकिया 3310- नोकिया 3310 मजबूती और परफार्मेंस के मायने में दूसरे मोबाइल फोन्स के लिए एक मिसाल था। फोन में एक्सप्रेस-ऑन कवर और साइलेंट वाइब्रेशन मोड फीचर दिए गए थे।नोकिया 1100- नोकिया 1100 की लोकप्रियता की मिसाल आज भी दी जाती है। फोन को एक बार फूल चार्ज करने पर ये 20 दिनों तक काम करता था। फोन को मजबूती के लिए भी जाना गया। डिवाइस में 50 मैसेजस की क्षमता थी।
ट्रेओ 180- ट्रेओ 180 पॉम ऑपरेटिंग सिस्टम आप आधारित था इसलिए इसे पॉम ट्रेओ कहा जाता था। ये एक फ्लिप फोन था, इसके अलावा इसमें मोनोक्रोम टचस्क्रीन भी था।
मोटोरोला रेजर- मोटोरोला रेजर के लॉन्च के बाद से ही बड़े गैजेट्स का चलन शुरु हुआ। इस फोन में म्यूजिक और चार्जिंग के लिए एक मिनी यूएसबी पोर्ट दिया गया था।
आईफोन- आईफोन तकनीक के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुआ। टचस्क्रीन क्रांति यहीं से शुरू हुई।
यह भी पढ़ें:
500 रुपये से कम में किस कंपनी का टैरिफ प्लान आपके लिए है बेहतर