Android Q का परमिशन फीचर Android Pie से होगा बिलकुल अलग, जानें कैसे करेगा काम
Google के इस लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम में पिछले सभी ऑपरेटिंग सिस्टम से बेहतर प्राइवेसी और परमिशन फीचर्स दिए जा सकते हैं।
By Harshit HarshEdited By: Updated: Mon, 11 Feb 2019 08:32 AM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। Google अपने लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम Android Q को इस साल लॉन्च करेगी। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को Android Q के नाम से जाना जाएगा या इसे Android 10 Q भी कहा जा सकता है। एंड्रॉइड डेवलपर्स की मानें तो गूगल के इस लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम में पिछले सभी ऑपरेटिंग सिस्टम से बेहतर प्राइवेसी और परमिशन फीचर्स दिए जा सकते हैं। गूगल ने सबसे पहले Android 4.3 Jelly Bean में प्राइवेसी परमिशन मैनेजमेंट का फीचर दिया था। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में “App Ops” के जरिए परमिशन को मैनेज किया जाता है। इसके बाद आए Android 4.4 KitKat में न्यू यूजर कंट्रोलेबल परमिशन फीचर को App Ops इंटरफेस के साथ जोड़ा गया।
इसके बाद Android 6.0 Marshmallow में एक नया परमिशन फीचर जोड़ा गया जिसकी मदद से आप किसी भी ऐप के परमिशन को रोक सकते हैं या फिर अनुमति दे सकते हैं। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के बाद से ऐप के परमिशन को यूजर खुद से मैनेज करने लगे। आपको बता दें कि कई ऐप्स में कैमरा, कॉन्टैक्ट एवं अन्य निजी फाइल्स की परमिशन अपने आप मिलना यूजर्स के निजी डाटा के साथ छेड़छाड़ होने की संभावना को बढ़ाता है। Android 6.0 Marshmallow के बाद से इन सभी ऐप्स के परमिशन को मैनेज किया जाने लगा है।
Android Q Vs Android Pie
Android 6 से लेकर Android 9.0 Pie तक यूजर्स को एक ही तरह का परमिशन फीचर दिया जा रहा है। इन ऑपरेटिंग सिस्टम में यूजर्स अपने हिसाब से ऐप का परमिशन तय कर सकते हैं। अगर, यूजर किसी ऐप को किसी भी फाइल या कैमरा या कॉन्टैक्ट का परमिशन नहीं देता है तो वो ऐप्स स्मार्टफोन के किसी भी फीचर को एक्सेस नहीं कर पाएंगे। लेकिन Android Q में सिर्फ लोकेशन परमिशन को रोका जा सकता है। आप फोन के माइक्रोफोन और कैमरा के परमिशन को रोक नहीं सकते हैं। आप किसी ऐप के परमिशन को तभी बदल सकते हैं जब वो इन यूज हो। लोकेशन के अलावा कोई भी परमिशन को रोका नहीं जा सकता है।
इसके अलावा यूजर्स को रिमाइंडर की सुविधा दी जा सकती है जिसकी मदद से यूजर को स्मार्टफोन आगाह करता रहेगा कि आपने लोकेशन को इनेबल किया है। इसके अलावा आप ऐप्स को दिए गए परमिशन को रियल टाइम मॉनिटरिंग भी कर सकेंगे। स्मार्टफोन के एक्सटर्नल स्टोरेज के लिए ऐप्स को परमिशन देना पड़ेगा। इसके बाद ही एक्सटर्नल स्टोरेज से फाइल एक्सेस करने या फाइल स्टोर करने का परमिशन मिलेगा।
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