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घंटों ऑन रखते हैं Bluetooth, WIFI, Airdrop जैसी सेटिंग्स तो हो जाएं सावधान, बड़े खतरे को मिल सकता है बुलावा

एंड्रॉइड डिवाइस हो या आईफोन कई बार वाईफाई और ब्लूटुथ जैसी सेटिंग्स का इस्तेमाल जरूरत को देखते हुए किया जाता है। हालांकि इन सेटिंग्स को लंबे समय तक एनेबल रखा जाए तो हैकिंग का बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। (फोटो- जागरण)

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Mon, 27 Mar 2023 07:00 PM (IST)
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Bluetooth WIFI Airdrop Settings On In Smartphone Bluebugging, Pic Courtesy- Jagran Graphics
नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सेवाओं का बेहतर लाभ लेने के लिए किया जाता है। इसी कड़ी में यूजर को स्मार्टफोन में उसके काम के लिए जरूरी सभी सुविधाएं मिलती हैं। एक स्मार्टफोन से दूसरे स्मार्टफोन पर कनेक्टिविटी और पेयरिंग के लिए वाईफाई, ब्लूटुथ, एंड्रॉइड शेयर की सुविधाएं मिलती हैं।

हालांकि, इन सेटिंग्स का इस्तेमाल करने के लिए इन्हें एनेबल करने की जरूरत तो पड़ती है, लेकिन अगर यही सेटिंग्स घंटों ऑन रहती हैं तो आप एक बड़े खतरे को खुद न्यौता दे रहे हैं।

जी हां, फोन में फाइल शेयरिंग और कनेक्टिविटी के लिए इन सेटिंग्स के फायदे तो हैं, साथ ही कुछ नुकसान भी हैं। इस आर्टिकल में फोन में इन सेटिंग्स के ज्यादा देर तक ऑन रहने के नुकसानों को ही बताने जा रहे हैं।

डिवाइस पेयरिंग के लिए ब्लूटुथ सेटिंग

सबसे पहले बात पेयरिंग और फाइल शेयरिंग सेटिंग ब्लूटुथ की ही करते हैं। ब्लूटुथ की मदद से आपको आपकी फाइल्स पास के दूसरे डिवाइस से शेयर करने की सुविधा मिलती है। हालांकि, ब्लूटुथ को कई बार यूजर्स ऑन कर ही छोड़ देते हैं। यहां बताना जरूरी है कि ऐसा करने से ब्लूबगिंग का खतरा बढ़ता है।

ब्लूबगिंग एक हैंकिग टेक्नीक है, जिसका इस्तेमाल यूजर की निजी और संवेदनशील जानकारियों को चुराने के लिए किया जाता है। जैसे ही ब्लूटुथ से हैकर द्वारा किसी डिवाइस का एक्सेस पा लिया जाता है तुरंत यूजर के डिवाइस का पूरा कंट्रोल अनजान हाथों में आ जाता है।

इंटरनेट कनेक्शन के लिए वाईफाई का इस्तेमाल

इसी तरह वाईफाई सेटिंग का इस्तेमाल इंटरनेट के लिए किया जाता है। वहीं, यूजर को कई बार पब्लिक वाईफाई का लालच दिया जाता है। यूजर की सिक्योरिटी के लिहाज से इस तरह की सुविधाओं से बचना चाहिए।

खास कर पब्लिक प्लेस पर फ्री वाईफाई का घंटों इस्तेमाल यूजर के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। दरअसल वाईफाई द्वारा ट्रैवल डाटा को हैकर्स डिक्रिप्ट कर सकते हैं। यानी आसानी से यूजर की जानकारी लीक हो सकती है।

इन सेटिंग में होता है ब्लूटुथ और वाईफाई का इस्तेमाल

गूगल अपने एंड्रॉइड यूजर्स को Nearby Share की सुविधा देता है। यह सेटिंग दो एंड्रॉइड डिवाइस को आपस में डाटा शेयर करने की सुविधा देती है। हालांकि, इस सेटिंग के लिए भी यूजर के फोन में ब्लूटुथ और लोकेशन जैसी सेटिंग ऑन करना जरूरी है। ऐसे में घंटों इस तरह की सेटिंग का इस्तेमाल करना हैकिंग को खुद बुलावा देना है।

एंड्रॉइड फोन ही नहीं, एपल डिवाइस की फाइल शेयरिंग सर्विस AirDrop का भी घंटों इस्तेमाल करना भी हैकर्स के निशाने पर आने जैसा है। इस सेटिंग के लिए डिवाइस में वाईफाई और ब्लुटूथ ऑन होना जरूरी है। बहुत देर तक इन दोनों ही सेटिंग को ऑन रखते हैं तो यूजर के डिवाइस का एक्सेस पाने का रास्ता आसान हो जाता है।