UPI पेमेंट करने वाले हो जाएं सावधान, स्कैमर इन नए तरीकों से लगा रहे चूना, ऐसे रख सकते हैं खुद को सेफ
UPI Link Fraud देश में यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या बढ़ने के साथ बैंकिंग फ्रॉड के मामले भी काफी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। कई ऐसे मामले आए हैं जब UPI ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ी है। (फाइल फोटो-जागरण)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। देशभर में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI से डिजिटल तरीके से पेमेंट करने का चलन बढ़ रहा है। इसके साथ ही देश भर में यूपीआई से जुड़ी धोखाधड़ी यानी स्कैम की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले वर्ष की तुलना में 2022 में यूपीआई भुगतान से संबंधित धोखाधड़ी की संख्या दोगुनी थी।
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 5,577 के मुकाबले 2022 में 11,717 यूपीआई से संबंधित धोखाधड़ी की शिकायतें थीं। डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी कोविड-19 लॉकडाउन के बाद ज्यादा बढ़ा है। आइए आपको UPI स्कैम से बचने के कुछ तरीके बताते हैं।
ऐसे होता है UPI स्कैम
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्कैमर यूपीआई के माध्यम से पीड़ित को कुछ पैसे भेजता है और फिर यह दावा करते हुए फोन करता है कि राशि यानी पैसे गलती से भेजी गई थी। इसके बाद वह एक लिंक भेजता है और पीड़ित से अनुरोध करता है कि पैसे वापस करने के लिए लिंक पर क्लिक करें। जब व्यक्ति ऐसा करता है, तो वह अपने डिजिटल वॉलेट और बैंक अकाउंट पर कंट्रोल खो देता है।
दूसरे एकअधिकारी ने कहा कि जालसाज लोगों को ठगने के लिए क्यूआर कोड का भी इस्तेमाल करते हैं। जब पीड़ित द्वारा कोड को स्कैन किया जाता है, तो उसे यूपीआई पिन दर्ज करने के लिए कहा जाता है। यदि पिन शेयर किया जाता है, तो पैसा क्रेडिट होने के बजाय यूजर के अकाउंट से कट जाता है। कटे हुए पैसे यूजर्स को वापस भी नहीं मिलते हैं। उसकी सारी कमाई एक सेकेंड में किसी और के हाथ में चली जाती है।
यूपीआई स्कैम से बचने के तरीके क्या हैं?
- अपना पिन कभी भी अनजान लोगों को न बताएं।
- अनजान जगह से आए ईमेल या लिंक को कभी न खोलें।
- अपनी डिटेल को अपने बैंक के साथ अपडेट रखें।
- ऑनलाइन पैसे भेजने से पहले पहचान जरूर कर लें।
- रेगुलर अपने UPI पिन को बदलते रहें।
- पैसे रिसीव करना हो तो UPI पिन दर्ज न करें।
- हमेशा सिक्योर Wi-Fi का इस्तेमाल करें।