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iptv vs ott: आपके लिए कौन-सी सर्विस है बेहतर, क्या है इनके बीच का अंतर, जानिए फायदे और नुकसान

iptv vs ottसमय के साथ टीवी देखने का तरीका भी बदल गया है। अलग- अलग प्लेटफॉर्म और तकनीक के जरिए यूजर वॉचिंग एक्सपीरियंस ले सकता है। हालांकि अब ओटीटी सर्विस के तहत हर यूजर एमेजॉन प्राइम वीडियो नेटफ्लिक्स पर ज्यादा एक्टिव रहते हैं। (फोटो- जागरण)

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Wed, 25 Jan 2023 11:05 AM (IST)
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iptv vs ott: know the difference pro and cons
नई दिल्ली, टेक डेस्क। इंटरनेट के आने से अब टेलीविजन देखने की तकनीक में भी बदलाव आया है। जहां पहले घरों में टेलीविजन की व्यवस्था ना होने पर लोग वाइट पर्दे पर सिनेमा का आनंद लेते थे वहीं अब आपके स्मार्टफोन के जरिए कहीं भी कभी भी ऑनलाइन वॉचिंग एक्सपीरियंस मिलता है। हालांकि अब ओटीटी सर्विस के तहत हर यूजर एमेजॉन प्राइम वीडियो, वूट, नेटफ्लिक्स पर ज्यादा एक्टिव रहते हैं।

वहीं आईपीटीवी कुछ मामलों में ओटीटी से बेहतर माना जा सकता है। आइए इस आर्टिकल में दोनों सर्विस में अंतर को समझने का प्रयास करते हैं।

iptv vs ott, जानें दोनों सर्विस के फायदे और नुकसान

ओटीटी यानि ओवर द टॉप मीडिया सर्विस को इंटरनेट के जरिए इस्तेमाल किया जाता है। यहां वीडियो कंटेट को आप सीधे अपने किसी भी डिवाइस के जरिेए देख सकते हैं। लाइव ब्रॉडकास्ट की बात हो या वीडियो ऑन डिमांड आपको हर सुविधा यहां आसानी से मिलती है।

इसी तरह आईपीटीवी यानि इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन सर्विस मैनेज्ड नेटवर्क जैसे कि WAN, LAN और प्राइवेटली मैनेज्ड सर्विस प्रोवाडर नेटवर्क पर स्ट्रीम कंटेंट के लिए डिलवरी सर्विस है। यह सर्विस इंटरनेट प्रोटोकॉल पर आधारित होती है। सेट अप बॉक्स आधारित इस सर्विस के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्शन होना जरूरी है।

आईपीटीवी यानि इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन सर्विस के फायदे की बात करें तो यहां वॉचिंग का बेहतरीन एक्सपीरियंस यूजर्स को दिया जाता है। वहीं ओटीटी के केस में पैकेट लोस की परेशानी आती है।

कितना देगा होगा पैसा

इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन सर्विस को कॉस्ट इफेक्टिव है, यानि इसके लिए ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होती। वहीं बात जब ओटीटी की आती है तो आपको इसके लिए एक मोटी राशि खर्च करनी होती है।

इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन सर्विस में यूजर को कई सारे चैनल प्रोवाइडर द्वारा ऑफर किए जाते हैं। कुछ प्रोवाइडर्स द्वारा यूजर को इंटरनेशनल चैनल भी ऑफर किए जाते हैं। वहीं इस सर्विस में यूजर्स को लाइव टीवी का एक्सपीरियंस भी मिलता है। वहीं दूसरी ओर ओटीटी में बिना ऐड्स के कंटेट देखे जाने की सुविधा मिलती है।

इंटरनेट प्रोटोकॉल के नुकसान की बात करें तो यह पूरी तरह से इंटरनेट कनेक्शन पर आधारित होता है। स्लो इंटरनेट की स्थिति में बफरिंग की परेशानी आ सकती है। इसके लिए इंटरनेट का कनेक्शन 25 Mbps तक होना जरूरी है।

दूसरी ओर ओटीटी का फायदा यह है कि यूजर को डाउनलोडिंग का ऑप्शन मिलता है। यानि इंटरनेट कनेक्शन ना होने की स्थिति में भी वीडियो देखे जा सकते हैं।

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