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क्या सेफ है पब्लिक वाई-फाई? यूज करते वक्त क्यों बरतनी चाहिए सावधानी

Public Wi-Fi safety फ्री होने की वजह से लोगों में पब्लिक वाई-फाई खूब पॉपुलर हो गया है। इस नेटवर्क को इस्तेमाल करने के लिए किसी भी वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होती है। कुछ यूजर्स अपने डिवाइस को ऑटो-कनेक्ट पर रखते हैं। लेकिन ऐसा करना रिस्की साबित हो सकता है। खासकर खुले नेटवर्क पर। सेफ्टी के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

By Yogesh Singh Edited By: Yogesh Singh Updated: Sat, 23 Nov 2024 11:17 AM (IST)
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आपकी सिक्योरिटी को खतरे में डाल सकता है पब्लिक वाई-फाई
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। इस साल की शुरुआत में प्राइम मिनिस्टर वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क (PM-WANI) स्कीम लॉन्च हुई थी। इस स्कीम का मकसद देशभर में मौजूद पब्लिक प्लेस पर लोगों को इंटरनेट से जोड़े रखना है। मौजूदा समय में इस सर्विस का लाखों लोग फायदा उठा रहे हैं। पब्लिक वाई-फाई हर जगह है, कॉफी शॉप से ​​लेकर रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट तक, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनसे कनेक्ट होने से आपका डेटा खतरे में पड़ सकता है।

फ्री होने की वजह से बहुत से लोगों को पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क सुविधाजनक लगता है। आमतौर पर अपने डिवाइस को ज्यादातर यूजर्स ऑटो-कनेक्ट पर रखते हैं। लेकिन ये नेटवर्क सिक्योरिटी और प्राइवेसी रिस्क को बढ़ावा देते हैं, खासकर खुले नेटवर्क पर। बीते कुछ महीनों स्कैम के तमाम मामले सामने आए हैं। जिनमें स्कैमर्स ने लोगों को झांसे में फंसाने के लिए पब्लिक वाई-फाई की मदद ली।

ऐसे में हम यहां कुछ जरूरी चीजें आपके साथ शेयर कर रहे हैं, जो पब्लिक प्लेस पर मौजूद इंटरनेट का इस्तेमाल (Public Wi-Fi safety) करते वक्त हमेशा जेहन में रखनी चाहिए।

क्या है पब्लिक Wi-Fi?

पब्लिक वाई-फाई एक ओपन नेटवर्क है, जो फ्री में पब्लिक प्लेस पर मौजूद होता है। यूजर्स को इस इंटरनेट सर्विस को एक्सेस करने के लिए किसी भी वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होती है। सरल शब्दों में कहें तो हर वह नेटवर्क पब्लिक वाई-वाई है, जो आपके घर के दायरे में नहीं आता है।

पब्लिक वाई-फाई अक्सर उन लोगों के लिए एक सहारा होता है, जो खराब मोबाइल कनेक्टिविटी वाले इलाकों में फंस जाते हैं। आजकल, कैफे, मॉल जैसे पब्लिक प्लेस पर पब्लिक वाई-फाई काफी पॉपुलर हो गया है।

क्या सेफ्टी के लिए है रिस्क

अब सवाल है कि, क्या पब्लिक वाई-फाई सेफ है, तो इसका जवाब एक नहीं है। क्योंकि पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल बिना किसी वेरिफिकेशन के कोई भी कर सकता है। इसलिए इसमें जोखिम बढ़ जाता है। स्कैमर्स यहां लोगों को फंसाने के लिए कोई तिकड़म लगा सकते हैं और आपके डिवाइस तक पहुंच सकते हैं।

डिवाइस को एक्सेस करने से इनके पास सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित वेबसाइटों पर लॉगिन आईडी, पासवर्ड, बैंक अकाउंट की जानकारी और यहां तक कि लॉगिन क्रेडेंशियल जैसी डिटेल पहुंच सकती है।

अनसिक्योरड नेटवर्क की पहचान

  • कनेक्ट करने के लिए किसी पासवर्ड की जरूरत नहीं होती है।
  • कोई HTTPS एन्क्रिप्शन नहीं होता है।
  • WPA2 या WPA3 एन्क्रिप्शन की कमी।
  • कोई ‘टर्म ऑफ यूज’ या ‘लॉगिन पेज’ नहीं।
  • एक जगह एक जैसे नाम वाले कई नेटवर्क।
  • VPN का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन यह भी बिल्कुल सेफ नहीं है।
  • पॉप-अप एडवर्टाइजमेंट पर क्लिक करने से बचें।
  • पब्लिक वाई-फाई यूज से ट्रांजैक्शन नहीं करना चाहिए।
  • पब्लिक वाई-फाई यूज करने से पहले प्रोवाइडर की जानकारी।
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