एसी की खरीदारी से पहले यह जानना जरूरी है कि आपके कमरे के हिसाब से कौन-सा एयर कंडीशनर बेहतर हो सकता हैः
विंडो एसी
विंडो एसी को घर की खिड़कियों के साथ फिट किया जाता है। इसका कुछ हिस्सा घर के अंदर और बाकी खिड़कियों से बाहर की तरह होता है। इसमें कंप्रेसर भी साथ ही में होता है। इसके अगले हिस्से में ठंडी हवा फेंकने का ब्लोअर लगा होता है। चूंकि यह अधिक क्षमता वाले नहीं होते, इसलिए एक सामान्य आकार के कमरे के लिए यह उपयुक्त होता है। इसे इंस्टाल करना आसान होता है। आमतौर पर विंडो एसी स्प्लिट और पोर्टेबल एसी की तुलना में कम कीमत में आ जाती है। हालांकि इस तरह की एसी की सबसे बड़ी कमी यह है कि ज्यादा आवाज करता है और बिना खिड़की वाले कमरे में इसे नहीं लगा पाएंगे।
स्प्लिट एसी
स्प्लिट एसी में दो यूनिट होते हैं। एक यूनिट यानी कंप्रेसर जिसे घर से बाहर लगाया जाता है, वहीं दूसरे यूनिट को घर के अंदर दिवारों पर लगाया जाता है। एयर फ्लो ज्यादा होने के कारण यह बड़े हाल में भी अच्छे से काम करता है। दीवार पर टंगने के बाद यह खूबसूरत नजर आता है, लेकिन कीमत के मामले में यह विंडो एसी से महंगा होता है। इसे घर में किसी भी सुविधाजनक जगह पर आसानी से लगाया जा सकता है। स्प्लिट की खास बात यह है कि एसी का नाइज लेवल कम होता है, इसलिए बेडरूम के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके लिए जरूरी नहीं है कि खिड़की कमरे में हो ही। खूबसूरती के मामले में विंडो एसी से ज्यादा बेहतर माना जाता है और कमरे को भी तेजी से ठंडा भी करता है। हालांकि इसे एक जगह से दूसरे शिफ्ट करना मुश्किल कार्य है।
यह भी पढ़ें- Lava O2: लावा के अफॉर्डेबल फोन की अमेजन से करें खरीदारी, मात्र 8000 रुपये है कीमत; 5000 mAh बैटरी सहित ये हैं खूबियां
पोर्टेबल एसी
इन दिनों मार्केट में पोर्टेबल एसी भी आ गए हैं। यह एक तरह से कूलर की तरह ही होता है। इसे कमरे में कहीं भी एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है। साथ ही इसे इंस्टाल करने का झंझट नहीं होता है। हालांकि इसकी कीमत विंडो और स्प्लिट दोनों से ज्यादा होती है। छोटे फ्लैट्स या कमरों के लिए आजकल इनका खूब उपयोग किया जा रहा है। खासकर जो लोग रेंट पर रहते हैं और लगातार रूम चेंज करते रहते हैं, तो उनके लिए यह अच्छा विकल्प है। हालांकि पोर्टेबल एसी अभी भारत के लिए नया है और यह महंगा भी होता है। अभी कुछ बड़े ब्रांड के ही पोर्टेबल एसी मार्केट में मौजूद हैं।
एसी में इनवर्टर एसी तकनीक क्या है?
इस तकनीक के साथ आने वाला एसी इनवर्टर टेक्नोलाजी पर कार्य करता है। इस तरह का एसी कूलिंग और कम बिजली की खपत के मामले में सामान्य एसी से बेहतर प्रदर्शन करता है। आजकल अधिकांश स्मार्ट एसी इनवर्टर तकनीक के साथ भी आते हैं। इसलिए यदि आप बेहतर कूलिंग की तलाश में हैं, तो लेटेस्ट तकनीक पर आधारित एसी चुनना अच्छा रहेगा। एक नियमित एसी की बात करें, तो यह कमरे को तक तापमान तक ठंडा कर देगा, फिर कंप्रेसर को पूरी तरह से बंद कर देगा। जब तापमान बढ़ेगा, तो यह कंप्रेसर को फिर से चालू कर देगा, जिसकी वजह से एक समान कूलिंग का अनुभव नहीं होगा। वहीं इनवर्टर एसी कमरे को तय तापमान तक ठंडा करने के बाद कंप्रेसर को न्यूनतम स्पीड पर बनाए रखता है, फिर आवश्यक हो तो रैंप बनाकर कमरे के तापमान को एक जैसा बनाए रखता है।
स्मार्ट फीचर वाला एसी
आजकल बाजार में स्मार्ट फीचर से लैस एसी भी आने लगे हैं। स्मार्ट एसी के कई फायदे हैं, जैसे कि आप इसे स्मार्टफोन से नियंत्रित कर सकते हैं। स्मार्ट डायग्नोसिस की सुविधा के साथ मेंटेनेंस से संबंधित अलर्ट भी मिलते हैं। कुछ स्मार्ट एसी अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं, जो बेहतर कंट्रोल और परफार्मेंस सुनिश्चित करते हैं। एक स्मार्ट एसी का मतलब यह भी है कि आप इसे दूर से नियंत्रित कर सकते हैं और एसी के विभिन्न पहलुओं की निगरानी कर सकते हैं।
कैपेसिटी और एनर्जी रेटिंग
एसी की खरीदारी के दौरान कुछ बेसिक चीजों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है...
साइज या कैपेसिटीः एसी की खरीदारी के दौरान कमरे की साइज का ध्यान रखना जरूरी है। स्क्वायर फीट के हिसाब से कमरे का फ्लोर 90 स्क्वायर फीट से छोटा है, तो 0.8 टन का एसी पर्याप्त है, जबकि 90- 120 स्क्वायर फीट वाली जगह के लिए 1.0 टन, 120-180 स्क्वायर फीट के लिए 1.5 टन और 180 स्क्वायर फीट से बड़ी जगह के लिए 2.0 टन का एसी उपयुक्त होगा।
बिजली की खपतः कई बार एसी खरीदने से लोग इसलिए भी डरते हैं कि बिजली बिल बहुत अधिक आता है। आजकल हर इलेक्ट्रानिक सामान पर बिजली की बचत को लेकर स्टार रेटिंग होता है यानी जितना ज्यादा स्टार रेटिंग होगा, वह उतना ही ज्यादा पावर एफिशिएंट होगा। इसलिए हमेशा ज्यादा स्टार रेटिंग वाला ही एसी खरीदना सही होता है। इससे आप पर बिजली बिल का भार कम पड़ेगा। इन दिनों मार्केट में अब 5 स्टार रेटिंग वाले एसी भी मौजूद हैं, जो ज्यादा एनर्जी सेविंग करते हैं।
फिल्टर, एयर फ्लो, स्विंगः आजकल इस तरह के फीचर लगभग सभी एसी में आते हैं। लेकिन आपको यह देखना होगा कि एसी में बढ़िया फिल्टर लगा हो। साथ ही, एयर फ्लो यह तय करता है कि आपका एसी कितनी देर में कमरे को ठंडा कर सकता है। एसी में कूलिंग स्पीड को तय करने की सुविधा भी होनी चाहिए। स्प्लिट और पोर्टेबल एसी में स्विंग की सुविधा होती है। अब कुछ विंडो एसी में भी यह फीचर आने लगे हैं, हालांकि यह थोड़ा महंगा भी होता है।
टाइमर और सेंसर: अगर एसी में टाइमर फीचर होगा तो आप उसे फिक्स समय पर आटोमैटिक आन और आफ हो जाएगा। इससे बिजली की बर्बादी को रोक पाएंगे। सेंसर का काम कमरे के तापमान को फिक्स करना होता है।
वोल्टेज स्टेबलाइजर: एसी के साथ वोल्टेज स्टेबलाइजर का होना बहुत जरूरी है। इसके लिए यूजर्स जितने टन का एसी खरीद रहे हैं, उतने ही पावर वाला स्टेबलाइजर भी होना चाहिए। अगर आपका एसी 0.5-0.8 टन का है तो इसके साथ 2केवीए का स्टैबलाइजर सही रहेगा। वैसे, आजकल कई एसी बिल्ट-इन स्टेबलाइजर तकनीक के साथ आने लगे हैं यानी अलग से स्टेबलाइजर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
ब्रांडेड कंपनी का ही खरीदेंः मार्केट में अब कई ब्रांड के एसी आ रहे हैं। ऐसे में आप चार-पांच पापुलर ब्रांड के उन एसी की कीमत में तुलना करें जो खरीदना चाहते हैं। साथ ही, उसकी वारंटी पर भी ध्यान दें। ऐसा करने पर आप अपने लिए बेस्ट एसी चुन पाएंगे।
यह भी पढ़ें-खेती किसानी को नई ऊंचाई देते ड्रोन, जानिए कैसे होते हैं मददगार