भारत में बढ़ा ऑनलाइन फ्रॉड, बचने के लिए अपनाएं ये तरीके
अगर यूजर्स Anydesk ऐप को डाउनलोड करते हैं तो उनका बैंक अकाउंट हैक हो सकता है। RBI और UPI ऑपरेटर NCPI ने इसके लिए चेतावनी और गाइडलाइन्स भी जारी की हैं
By Shilpa Srivastava Edited By: Updated: Sun, 17 Mar 2019 10:13 AM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। भारत में बैंकिंग फ्रॉड की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं। हैकर्स यूजर्स को रिमोट डिवाइस कंट्रोल ऐप AnyDesk को डाउनलोड करने के लिए कहते हैं। अगर यूजर्स इस ऐप को डाउनलोड करते हैं तो उनका बैंक अकाउंट हैक हो सकता है। RBI और UPI ऑपरेटर NCPI ने इसके लिए चेतावनी और गाइडलाइन्स भी जारी की हैं। RBI ने बताया था कि यह आप यूजर से रेग्यूलर प्राइवेसी परमीशन मांगती हैं लेकिन यह स्मार्टफोन को रिमोटली पूरी तरह से कंट्रोल कर लेती है। अगर आपने यह ऐप डाउनलोड की है तो इसे तुरंत डिलीट कर दें। साथ ही यहां हम आपको बैंकिंग फ्रॉड से बचने के तरीके बता रहे हैं।
ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड से कैसे बचें:
- किसी भी थर्ड पार्ट ऐप को डाउनलोड न करें। साथ ही किसी भी ऐप को अपने बैंकिंग अकाउंट का एक्सेस न दें। इससे अगर कभी आपका स्मार्टफोन हैकर्स के शिकंजे में आता है तो आपकी बैंकिंग डिटेल्स को वो एक्सेस कर पाएगा।
- किसी भी ट्रांजेक्शन के लिए फोन पर OTP मंगवाने के अलावा Email पर भी OTP मंगवाएं।
- हर तीन महीने में अपने कार्ड का पिन नंबर बदलते रहें। इस नंबर को फोन में सेव न करें। इन्हें घर पर ही कहीं लिखकर रखें।
- अगर आप किसी बैंक की ऐप डाउनलोड करते हैं तो उसे ऑफिशियल ऐप स्टोर से सभी जानकारी देख समझकर ही डाउनलोड करें।
- यूजर्स अपने स्मार्टफोन में एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें। इससे अगर कोई गतिविध होती भी है आपके स्मार्टफोन पर तो यह सॉफ्टवेयर इसे डिटेक्ट कर लेगा।
- कार्ड से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी जैसे OTP, CVV, Card number आदि किसी न बताएं।
अगर आपका अकाउंट हैक कर लिया गया है तो क्या करें:
- इसके लिए सबसे पहले बैंक के कस्टमर केयर को फोन करके या बैंक जाकर कार्ड को ब्लॉक कराएं।
- इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज करें। इस शिकायत की कॉपी बैंक के साथ साझा करें।
- अगर बैंक समस्या का समाधान करने में असमर्थ रहते है तो आरबीआई बैंक के लोकपाल को शिकायत करें। इसके लिए इस लिंक का प्रयोग करें: https://bit.ly/2E7AJ2e
इस ऐप यानी AnyDesk को फोन में डाउनलोड करने के बाद यह ऐप यूजर के फोन पर 9 डिजिट का ऐप कोड जनरेट करता है। इसके बाद हैकर्स यूजर को बैंक की तरफ से फोन करते हैं और कोड मांगते हैं। अगर यूजर हैकर को कोड दे देता है तो हैकर्स यूजर का बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं। यही नहीं, हैकर्स बिना यूजर को पता लगे उसके फोन की सभी जानकारी डाउनलोड कर सकता है।यह भी पढ़ें:
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