iPhone में 2 फैक्टर ऑथेंटिकेशन सेटअप कर बिना डर के चलाएं इंटरनेट, जानिए पूरा तरीका स्टेप बाय स्टेप
iPhone में 2 फैक्टर ऑथेंटिकेशन सेटअप की सुविधा भी मिलती है। इस फीचर से यूजर्स किसी वेबसाइट को बिना किसी डर के चला सकते हैं। जानिए पूरे तरीके को स्टेप बाय स्टेप जिससे आप बेखौफ होकर कोई वेबसाइट चला सकते हैं।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन आपके ऑनलाइन अकाउंट को हैकर्स और अन्य अपराधियों से सुरक्षित रखने के लिए ही बनाया गया है। Apple भी अपने iOS में उन वेबसाइट के लिए 'इन-बिल्ट' टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन मेथड देता है जो इस फीचर को सपोर्ट करती है।
यूं तो अधिकतर वेबसाइट टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का फीचर प्रदान करती हैं। लेकिन कुछ ऐसी वेबसाइट भी हैं जो इस फीचर को अनिवार्य नहीं रखती है। ऐसी ही वेबसाइट के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन पासकोड काम आता है।
यहां ये भी बता दें कि यह फीचर कोई नया नहीं है बल्कि ऐप्पल ने इसे पिछले साल iOS 15 में ही देना शुरू कर दिया था। इसके जरिये यूजर्स को ऑनलाइन अकाउंट के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की सुविधा मिलती है।
इससे पहले आईफोन यूजर्स को OTP यानि वन टाइम पासवर्ड सेट करने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स पर ही निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं पड़ती।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन अपने iPhone में कैसे सेट करें
- सबसे पहले iPhone में सेटिंग ऐप पर जाये और इसे खोलें। फिर इसमें मौजूद पासवर्ड ऑप्शन पर टैप करें। इसके लिए आपको अपनी फेस आईडी या पासकोड डालने की जरूरत पड़ेगी।
- इसके बाद आपको उन सभी वेबसाइट की लिस्ट दिखाई देगी जिनके लिए iCloud keychain में पासवर्ड सेव कर रखे हैं।
- फिर आपको उन वेबसाइट या ऐप को चुनना है जिसके लिए आपको टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन कोड सेट करना है।
- इसके बाद आपको सेट अप वेरिफिकेशन कोड बटन पर टैप करना है। जिसके बाद आपको Enter Setup Key बटन पर टेप करना है।
- अंत में आपको जो कोड मिलेगा उसे एंटर करना है।
यह भी ध्यान रखें
हम आपको यह भी बता दें कि सेकेंडरी टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन हर 30 सेकंड में रीजनरेट होता है ताकि कोई भी वास्तव में इसका उपयोग करके आपके फोन में दाखिल ना हो सकें। यह फीचर सिर्फ उन्हीं ऐप्स/वेबसाइट को सपोर्ट करता है जो टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सेटअप को सपोर्ट करते हैं।
आईफोन में भी आ सकता है वायरस
सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह पता चला है कि iPhone में भी वायरस आ सकता है। हालांकि सामान्य रूप से iPhone में वायरस आने की संभावना बहुत कम रहती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आईफ़ोन का ऑपरेटिंग सिस्टम इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है, जिससे किसी वायरस को विंडोज या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के मुकाबले असानी से फोन के अंदर आने की अनुमति नहीं मिलती। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि यह असंभव है और आईफोन में कभी कोई वायरस आ नहीं सकता है।
विशेषज्ञ यह भी कहते हैं स्मार्टफ़ोन का मैलवेयर से संक्रमित होने का सबसे आम तरीका malicious ऐप के जरिये ही हो सकता है। इस तरह की ऐप्स ज्यादतर अनौपचारिक रूप से थर्ड पार्टी ऐप स्टोर से डाउनलोड की जाती हैं। इन नकली ऐप्स में यूजर्स के आईफोन पर मैलवेयर को स्वचालित रूप (automatically) से लोड करने की क्षमता हो सकती है।
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