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कैसा है आपके Smartphone का Display? इसके बारे में जानना आपके लिए क्यों है जरूरी

Smartphone Screens Display Types and Importance स्मार्टफोन का डिस्प्ले इसके अहम हिस्सों में आता है। किसी अच्छे फोन की उसके डिस्प्ले से होती है। अगर फोन का डिस्प्ले अच्छा है तो आपको बेहतरीन व्यूइंग एक्सपीरियंस के साथ कई फायदे हो सकते हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं।

By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Wed, 22 Feb 2023 08:02 PM (IST)
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How your smartphone display works and why it is important for you

नई दिल्ली, टेक डेस्क। जब आप स्मार्टफोन खरीदने जाते हैं तो आप अपनी जरूरत के हिसाब से अपने लिए सही स्मार्टफोन चुनते हैं। जाहिर सी बात है कि आप इसके लिए कई पहलूओं को ध्यान में रखते हैं। स्मार्टफोन का डिस्प्ले भी इनमें से एक है। लेकिन अगर आप इस हिस्से को इतना तवज्जो नहीं देते है या इसके बारे में नहीं जानते हैं तो आपको फोन इस्तेमाल करने में परेशानी हो सकती है।

ऐसे में परेशान होने की जरूरत नही है क्योंकि आज हम डिस्प्ले से जुड़े हर छोटे- बड़े पहलूओं के बारे में बताने जा रहे हैं। इससे आपको ये समझने में मदद मिलेगी कि आपका डिस्प्ले कैसा है और आप अपनी जरूरत के हिसाब से कौन सा डिस्प्ले चुनें तो आइये शुरू करते हैं।

स्मार्टफोन में इस्तेमाल होते हैं ये डिस्प्ले

हाल के कुछ सालों में स्मार्टफोन के डिस्प्ले काफी विकसित हुए हैं, जिसमें हर एक अलग तरह की तकनीक का इस्तेमाल है। इसमें AMOLED, LCD, LED, IPS, TFT आदि शामिल है। स्मार्टफोन में उपयोग किए जाने वाले डिस्प्ले प्रकार कई हैं, जिसमें LCD, OLED, AMOLED, सुपर AMOLED, TFT, IPS और TFT-LCD शामिल हैं। बता दें कि मिड रेज से लेकर हाई एंड फोन में सबसे अधिक पाया जाने वाला डिस्प्ले IPS-LCD है। लेकिन इन सबका क्या मतलब है?

स्मार्टफोन डिस्प्ले के लिए बाजार में दो तरह की तकनीकी एलसीडी और ओएलईडी उपलब्ध हैं। ये दोनों ही टेक्नोलॉजी की अलग अलग खासियत है और ये कई जनरेशन में आती हैं। एलसीडी की बात करें तो इसका मतलब है लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले होता है और इसका नाम बैकलाइट द्वारा प्रकाशित लिक्विड क्रिस्टल की ऐरे को संदर्भित करता है। ये सूरज के सीधे प्रकाश की स्थिति में बेहतर काम करता है।

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OLED डिस्प्ले

OLED का मतलब ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड है। एक ओएलईडी डिस्प्ले इलेक्ट्रोल्यूमिनिसेंट एलीमेंट की पतली शीट से बना होता है, जिसका मुख्य लाभ यह है कि वे अपना स्वयं का प्रकाश उत्पन्न करते हैं। इसलिए इसमें LCD की तरह बैकलाइट की जरूरत नहीं होती है, जिससे कम पॉवर में भी काम हो जाता है। स्मार्टफ़ोन या टीवी पर उपयोग किए जाने पर OLED डिस्प्ले को आमतौर पर AMOLED डिस्प्ले के रूप में संदर्भित किया जाता है। AMOLED का मतलब एक्टिव मैट्रिक्स ऑर्गेनिक लाइट-एमिटिंग डायोड है।

सुपर AMOLED और AMOLED डिस्प्ले में क्या अंतर?

सैमसंग ने अपने डिस्प्ले को सुपर AMOLED नाम दिया गया है, जो केवल हाई-एंड मॉडल में पाया जाता था, लेकिन अब इसे मिड रेज डिवाइसों में भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। इसमें IPS एलसीडी की तरह टॉप पर एक अतिरिक्त परत के बजाय डिस्प्ले में ही टच रिएक्शन लेयर को इंटीग्रेट करके बेसिक एमोलेड आधार पर सुधार किया गया है। नतीजतन सुपर AMOLED डिस्प्ले AMOLED डिस्प्ले की तुलना में सूरज की रोशनी को बेहतर तरीके से संभालते हैं और इसके लिए कम पावर का इस्तेमाल करते है।

फोल्डेबल और रोलेबल डिस्प्ले

आजकल फोल्डेबल डिस्प्ले का कॉन्सेप्ट काफी चर्चा में है. आज हम आपको बताएंगे कि ये क्या है। जैसा कि आप जानते हैं कि OLED डिस्प्ले का एक फायदा ये है कि रोशनी की परत को हटाकर इसको अधिक पतला और लचीला हो जाता है। इसे फोल्डेबल स्मार्टफोन में इस्तेमाल किया जाता है।

डिस्प्ले के लिए जरूरी है ये फैक्टर्स

रिजॉल्यूशन: जब आप किसी स्क्रीन की साइज देखते हैं तो आपको HD, HD+, FullHD, 4K ऐसे कुछ टर्म दिखाई देते हैं। ये आपको डिस्प्ले का रिजॉल्यूशन है। रिजॉल्यूशन स्क्रीन पर प्रदर्शित पिक्सेल की संख्या का दर्शाता है। अगर किसी डिस्प्ले पर अधिक पिक्सेल है तो इमेज या वीडियो बेहतर ढ़ग से दिखती है। स्मार्टफोन ब्रांड आमतौर पर एचडी, फुलएचडी और अल्ट्राएचडी का उपयोग करते हैं।

डिस्प्ले की ब्राइटनेस: साधारण भाषा में कहें तो किसी स्मार्टफोन की स्क्रीन की ब्राइटनेस उसे कम प्रकाश या अधिक प्रकाश की स्थिति में आसानी से देखने लायक बनाती है. इसे Nits में मापा जाता है। मान लीजिए किसी फोन की पीक ब्राइटनेस 1200nits है तो आप इस फोन की स्क्रीन को तेज धूप में भी आसानी से देख सकेंगे।

रिफ्रेश रेट: बीते कुछ सालों में 90Hz या 120Hz डिस्प्ले काफी सुनाई दे रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ये क्या है? 2019 और 2020 में हाई-एंड और यहां तक कि कुछ मिड-रेंज स्मार्टफोन में भी इनका काफी इस्तेमाल हुआ है। इसे रिफ्रेश रेट कहते हैं। ये वैल्यू जितनी अधिक होती है उतने ही फ्रेम पर सेकेंड अधिक होता है। नतीजा यह है कि नियमित उपयोग और गेम के दौरान बेहतर एक्सपीरियंस मिलता है।

गेमिंग स्मार्टफोन का डिस्प्ले

अगर आप गेमिंग स्मार्टफोन खरीदने जा रहे हैं तो आपको इस बात का खास ख्याल रखना होगा कि आपके फोन का डिस्प्ले बेहतर हो। इससे आपको गेम खेलने का बेहतर अनुभव मिलेगा। ऐसे में जरूरी है कि जब आप फोन खरीदें तो उसमें हाई रिजॉल्यूशन होना चाहिए, जो आपको बेहतर व्यूइंग एक्सपीरियंस देता है। इसके साथ ही फोन का रिफ्रेश रेट भी अधिक होना चाहिए ताकि गेम का सेकेंड का अंतर आपसे ना छूटे। इसके अलावा टच सैंपलिंग रेट भी हाई होना चाहिए ताकि आप आसानी से तेज प्रतिक्रिया दे सकें।

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