'खाया हुआ सेब' ही क्यों बना Apple कंपनी का लोगो, क्या है इसके पीछे की कहानी
एपल का लोगो एक खाया हुआ सेब क्यों है? यह सवाल इंटरनेट यूजर के दिमाग में जरूर कभी न कभी तो आया ही होगा। एपल का लोगो एक सेब भी हो सकता है। वैसे तो सेब का किस्सा आइज़क न्यूटन से जुड़ा है। न्यूटन ने पेड़ से सेब गिरने के रहस्य को गुरुत्वाकर्षण की खोज से सुलझाया था। एपल का पहला लोगो न्यूटन को लेकर ही बना था।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। टेक कंपनी एपल का लोगो एक सेब ही हो सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन यह लोगो खाए हुए सेब को क्यों दिखाता है, यह सवाल इंटरनेट यूजर के दिमाग में जरूर कभी न कभी तो आया ही होगा। एपल का लोगो एक सेब भी हो सकता है। वैसे तो सेब का किस्सा आइज़क न्यूटन से जुड़ा है। न्यूटन ने पेड़ से सेब गिरने के रहस्य को गुरुत्वाकर्षण की खोज से सुलझाया।
ऐसे में बहुत कम लोगों को जानकारी होगी कि एपल कंपनी का सबसे पहला लोगो 1976 में न्यूटन के सेब के पेड़ के नीचे बैठने से ही जुड़ा था। बाद में खाए हुए सेब को एपल कंपनी का लोगो बनाया गया।
किसने तैयार किया एपल का लोगो
दरअसल, एपल के संस्थापकों, स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक ने समझदारी से फैसला किया कि उन्हें अपनी नई कंपनी के लिए ज्यादा मॉर्डन लोगो की जरूरत है। जॉब्स ने इस काम के लिए ग्राफ़िक डिज़ाइनर रॉब जैनोफ़ को चुना। एपल लोगो के लिए यह प्रक्रिया मात्र दो हफ्तों में पूरी भी हुई और 1977 में एपल का पहला पर्सनल कंप्यूटर, Apple II लॉन्च किया गया। जिस पर नए लोगो को देखा गया।
एपल का लोगो इंद्रधनुषी रंग वाला
जैनॉफ का डिज़ाइन अपनी सादगी को लेकर खास था। इस लोगो की पहचान एक 2D सेब जिसमें से एक टुकड़ा काटा गया था, से थी। इस एपल लोगो को इंद्रधनुषी रंग दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया था, ताकि कंपनी का लोगो उस समय के ब्रांडों के बीच एक अलग पहचान बना सके।ये भी पढ़ेंः 2023 में Apple CEO Tim Cook ने कितने पैसे कमाए, चेक करें सारा रिकॉर्ड