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आपके फोन को सुरक्षित रखते हैं स्क्रीन गार्ड, टेम्पर्ड खरीदते समय इन बातों का रखें खास ध्यान

जब भी हम नया फोन खरीदते हैं तो सबसे पहले हम अपने फोन के डिस्प्ले को सुरक्षित रखने के लिए स्क्रीन गार्ड लगाते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आप अपने लिए सही स्क्रीन गार्ड कैसे खरीद सकते हैं। आइये इसके बारे में जानते हैं। (जागरण फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Ankita PandeyUpdated: Wed, 18 Jan 2023 02:14 PM (IST)
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keep these Things in mind while buying tempered glass for your smartphone
नई दिल्ली, संतोष आनंद । आजकल लोग फोन खरीदते ही स्क्रीन पर स्क्रीन गार्ड लगवा लेते हैं, ताकि स्क्रीन को सुरक्षित रखा जा सके। यह मोबाइल फोन की सुरक्षा के लिए जरूरी भी है। स्क्रीन प्रोटेक्टर या गार्ड नहीं लगाते हैं और मोबाइल गलती से गिर जाता है, तो खर्च ज्यादा करना पड़ जाएगा। आइए जानते हैं स्क्रीन गार्ड खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है..

दो तरह के होते हैं स्क्रीन गार्ड

बाजार में आमतौर पर स्क्रीन प्रोटेक्टर या स्क्रीन गार्ड प्लास्टिक और टेंपर्ड ग्लास में उपलब्ध हैं। टेंपर्ड ग्लास कई विकल्पों में मौजूद हैं जैसे कि 2डी, 3डी, 4डी, 5डी, 9डी और 11डी। प्लास्टिक स्क्रीन प्रोटेक्टर दो अलग-अलग सामग्रियों से बने होते हैं: पालीईथाइलीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) सस्ता और अधिक लचीला होता है, जबकि थर्मोप्लास्टिक पालीयूरेथेन (टीपीयू) लगाने में थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन यह पीईटी की तुलना में अधिक मजबूत है। अगर स्क्रीन के लिए ज्यादा सुरक्षा चाहते हैं, तो फिर टेंपर्ड ग्लास के लिए जाना ज्यादा सही रहेगा। यह प्लास्टिक की तुलना में मोटा होता है, जो साधारण प्लास्टिक प्रोटेक्टर की तुलना में स्क्रीन की अधिक सुरक्षा करेगा।

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चुनें उपयोग के हिसाब से

आप उपयोग के आधार पर भी स्क्रीन गार्ड को चुन सकते हैं। कुछ लोग मोबाइल फोन पर गेम ज्यादा खेलते हैं, तो उन्हें ऐसा स्क्रीन गार्ड चाहिए होता है जिस पर उनका हाथ न फिसले और स्क्रीन पर अच्छी पकड़ बनी रहे। स्क्रीन गार्ड खरीदने जाते हैं, तो उसकी मजबूती की जांच जरूर करें। एक सामान्य टेंपर्ड ग्लास जहां आपके मोबाइल फोन की स्क्रीन को करीब छह महीने तक बचाए रख सकता है, तो वहीं एक 11डी जैसा मोटा और अच्छा स्क्रीन गार्ड मोबाइल फोन की स्क्रीन को लंबे समय तक टूट-फूट से बचा सकता है। स्क्रीन गार्ड हमेशा ऐसा खरीदें, जिसमें ज्यादा लेयर हो। ज्यादा लेयर वाला स्क्रीन गार्ड स्क्रीन की बेहतर सुरक्षा करेगा।

कीमत का रखें ध्यान

जब आप स्क्रीन प्रोटेक्टर खरीदते हैं, तो फिर प्लास्टिक की तुलना में टेंपर्ड ग्लास की प्रोडक्शन लागत अधिक होती है। इसलिए टेंपर्ड ग्लास प्लास्टिक की तुलना में महंगे होते हैं। अगर आप थोड़ा ज्यादा खर्च कर सकते हैं, तो फिर ब्रांडेड कंपनियों के टेंपर्ड ग्लास की तरफ ही जाएं। ऐसा इसलिए, क्योंकि बांडेड कंपनियों के स्क्रीन प्रोटेक्टर हाई क्वालिटी के और अधिक टिकाऊ होते हैं।

टेंपर्ड ग्लास पर ओलियोफोबिक कोटिंग होती है, जो बेहतर मैटीरियल से बनी होती है। यह स्क्रीन पर तेल और अंगुलियों के धब्बे को चिपकने से रोकती है। हालांकि बाजार में स्क्रीन गार्ड की कीमत करीब 100 रुपये से शुरू होती है और 1000 रुपये से ज्यादा तक जाती है। मगर आप आंख मूंदकर भरोसा न करें कि महंगा विकल्प हमेशा बेहतर होता है। इसकी ताकत की जांच करें और देखें कि ये फिंगरप्रिंट प्रतिरोधी हैं या नहीं।

एंटी-ग्लेयर स्क्रीन प्रोटेक्टर

यदि आपको स्क्रीन से आने वाली रिफ्लेक्शन पसंद नहीं है, तो फिर एंटी-ग्लेयर स्क्रीन प्रोटेक्टर चुनना चाहिए। एंटी-ग्लेयर स्क्रीन प्रोटेक्टर काले रंग के होते हैं। इस तरह के स्क्रीन प्रोटेक्टर अनूठी फिल्मों की पतली परतों से बने होते हैं, जो स्क्रीन से आने वाली तेज रोशनी यानी ब्राइटनेस को कम करते हैं। इससे आंखों पर दबाव कम पड़ता है। साथ ही, एंटी-ग्लेयर प्रोटेक्टर पर अंगुलियों के निशान और खरोंच भी नहीं पड़ते हैं। हालांकि बिना एंटी-ग्लेयर वाले प्रोटेक्टर घर के अंदर और बाहर दोनों जगह उपयोग में आसान होते हैं, लेकिन इनमें यूवी किरणों को ब्लाक करने की क्षमता नहीं होती है। दूसरी ओर एंटी-ग्लेयर प्रोटेक्टर बाहरी उपयोग के साथ दृष्टिबाधित लोगों के लिए भी उपयुक्त होते हैं।

यह भी ध्यान रखें

स्मार्टफोन टच डिस्प्ले के साथ आते हैं। इसमें नीचे की तरफ एंबियंट लाइट सेंसर और प्राक्सिमिटी सेंसर होते हैं। मगर जब हम फोन पर स्क्रीन गार्ड लगा लेते हैं, तो कई बार ये सेंसर ब्लाक हो जाते हैं और काम करना बंद कर देते हैं। इसकी वजह से न सिर्फ कालिंग में परेशानी आती है, बल्कि बात करते समय फोन में कई बार दूसरे एप्स भी खुल जाते हैं।

इसके अलावा, आन-स्क्रीन फिंगरप्रिंट होने पर स्मार्टफोन को अनलाक करने में भी दिक्कत आने लगती है। फोन देर में अनलाक होता है। इन परेशानियों से बचने के लिए जरूरी है कि हमेशा ब्रांडेड कंपनियों के स्क्रीन गार्ड का ही उपयोग करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि कंपनियों को पता होता है कि उन्होंने सेंसर कहां लगाया है। इसे ध्यान में रखकर ही कंपनियां स्क्रीन प्रोटेक्टर बनाती हैं।

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