Video Call Safety: एक वीडियो कॉल और आप हो जाएंगे कंगाल, छोटी सी मिस्टेक करवा देगी बड़ा नुकसान; ऐसे रहें सेफ
Video Call के दौरान स्कैमर्स आपकी निजी जानकारी को चुरा सकते हैं और एक बार इनके पास आपकी पर्सनल जानकारी पहुंचते ही ये पैसों की डिमांड शुरू कर देते हैं। इसके अलावा कई बार वीडियो कॉल आता है तो सामने न्यूड महिलाओं की तस्वीरें दिखती हैं। वीडियो कॉल स्कैम के दौरान क्या मिस्टेक नहीं करनी है। यहां इसी के बारे में बताने वाले हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। इस डिजिटल युग में बहुत से काम पहले की तुलना में बहुत आसान हो गए हैं। लेकिन बढ़ती तकनीक ने लाइफ को आसान बनाने के साथ ही कई तरह की मुश्किलें भी खड़ी हैं। आज के समय में ऑनलाइन स्कैम की संख्या खूब बढ़ गई है।
इन्हीं में एक वीडियो कॉल स्कैम भी है, जिसके कारण बहुत से लोग फ्रॉड और ठगी का शिकार हो रहे हैं। यहां वीडियो कॉल सेफ्टी टिप्स बताने वाले हैं।
क्या है वीडियो कॉल स्कैम?
वीडियो कॉल स्कैम (Video Call Scam) ठगी का एक नया जरिया है। इसमें स्कैमर्स आपके किसी जानने वाले का सबसे पहले एआई की तकनीक से फेक चेहरा क्रिएट करते हैं और फिर आपके पास कॉल किया जाता है।
इस दौरान ये वॉयस और रिएक्शन भी एकदम सेम रखते हैं और पैसों की डिमांड़ करते हैं। जिसमें कई लोग फंस भी जाते हैं।
वीडियो कॉल के दौरान स्कैमर्स आपकी निजी जानकारी को चुरा सकते हैं और एक बार इनके पास आपकी पर्सनल जानकारी पहुंचते ही ये पैसों की डिमांड शुरू कर देते हैं। इसके अलावा कई बार वीडियो कॉल आता है और सामने न्यूड महिलाओं की तस्वीरें दिखती हैं।
जिसे ये रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर सामने वाले पर्सन को ब्लैकमेल करते हैं। ऐसे में यहां इनसे बचने के लिए कुछ खास टिप्स बताने वाले हैं जिन्हें फॉलो करके काफी हद तक सुरक्षित रहा जा सकता है।
बचने के लिए अपनाएं ये सेफ्टी टिप्स
तेजी से फैल रहे इस स्कैम से बचने के लिए आपको कुछ खास बातों का बेहद ख्याल रखना चाहिए। इससे आप काफी हद तक खुद सिक्योर रख सकते हैं।
पर्सनल जानकारी: अगर आपके पास वीडियो कॉल आता है और आपको उस पर थोड़ा भी संदेह होता है तो उसके साथ भूलकर भी पर्सनल जानकारी साझा न करें। इसका मिसयूज किया जा सकता है।
रिपोर्ट और ब्लॉक: कुछ भी आपको अजीब लगता है तो आपके पास उसे रिपोर्ट और ब्लॉक करने का विकल्प है। अगर आपके साथ कुछ ऐसा होता है या फिर कॉल आती है, तो आपको साइबर स्टेशन में इसकी रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए।
डीपफेक की पहचान: इस तरह के वीडियो कॉल AI के जरिये जनरेट किए जाते हैं। इसको डीपफेक (Deepfake) कहते हैं। इसकी पहचान करने के लिए आपको सामने वाले इंसान की आंखों को मूवमेंट को ध्यान से देखना चाहिए। इससे डीपफेक की पहचान की जा सकती है।
टू-फैक्टर-ऑथेंटिकेशन: जिस भी प्लेटफॉर्म का आप इस्तेमाल करते हैं उस पर हमेशा टू-फैक्टर-ऑथेंटिकेशन को ऑन करके रखना चाहिए।
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