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IP Address से कैसे होती है डिवाइस की ट्रैकिंग? लोकेशन तक पहुंचने का ऐसे बनता है रास्ता

IP Address For location tracking आईपी एडरेस की मदद से किसी भी यूजर की लोकेशन ट्रैक की जा सकती है। यह हैकर का काम भी आसान करने में मददगार हो सकती है। इस आर्टिकल में IP Address के बारे में बता रहे हैं। (फोटो- Unsplash)

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Wed, 19 Apr 2023 07:00 PM (IST)
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what is IP Address How Location Can be tracked Using IP Address, Pic Courtesy- Jagran FILE

नई दिल्ली, टेक डेस्क। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए आपने Internet Protocol यानी आईपी एडरेस का नाम जरूर सुना होगा। हालांकि, यूजर की सिक्योरिटी और प्राइवेसी बनाए रखने में इस टर्म का क्या रोल होता है, इस बात की जानकारी बहुत कम यूजर्स को होती है।

इस आर्टिकल में आपको आईपी एडरेस से जुड़ी तमाम जरूरी बातों को बताने जा रहे हैं। यह इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले हर यूजर के लिए जरूरी है।

क्या होता है Internet Protocol address

आसान भाषा में समझें तो Internet Protocol address एक न्यूमेरिक एडरेस होता है। इंटरनेट से जुड़े हर डिवाइस और नेटवर्क के लिए एक अलग आईपी एडरेस होता है।

आईपी एडरेस को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) द्वारा प्राप्त किया जाता है। यह एक तरह से किसी डिवाइस का ऑनलाइन एडरेस होता है, जिसका इस्तेमाल इंटरनेट पर तमाम कामों को करने के लिए होता है।

हैकर के काम को बनाता है आसान

यूजर के डिवाइस के आईपी एडरेस से यूजर की लोकेशन की जानकारी ली जा सकती है। ऐसे में किसी हैकर के लिए तमाम हथकंड़ों को अपना कर किसी यूजर का आईपी एडरेस जान पाना मुश्किल नहीं है।

आईपी एडरेस की जानकारी लीक होना हैकर के लिए आप की पर्सनल और कई मामलों में बैंकिंग जानकारियों तक की पहुंच को आसान बनाता है। हालांकि, सीधे तौर पर आपकी जानकारियां चुराई नहीं जा सकतीं, लेकिन आईपी एडरेस की मदद से हैकर यूजर को आसानी से टारगेट कर सकता है।

हैकर कैसे कर सकता है गलत इस्तेमाल

किसी स्थिति में अगर यूजर के डिवाइस का एडरेस ट्रैक कर लिया जाए तो हैकर यूजर के बिहेवियर और पैटर्न को जानकार यूजर के लिए सामग्री तैयार कर सकता है। ऐसे एड्स वीडियो को यूजर तक पहुंचाया जा सकता है, जिसकी यूजर को जरूरत हो। ऐसे प्रॉडक्ट से हैकर यूजर को अपना जाल में फंसा सकता है। आईपी एडरेस ट्रैक करने के लिए यूजर का किसी अनजान लिंक पर क्लिक करना भर काफी है। इसके अलावा, किसी फेक वेबसाइट पर विजिट करते हैं या किसी अनजान नंबर से भेजी गई तस्वीर पर क्लिक करते हैं तो आपका आईपी एडरेस हैकर तक पहुंच सकता है।

क्या है सुरक्षा के उपाय

आईपी एडरेस लीक ना हो इसके लिए वीपीएन सुरक्षा कवच बनता है। हालांकि, यूजर के पास पेड और फ्री वीपीएन दोनों का ऑप्शन रहता है। जानकारों की मानें तो पेड वीपीएन का विकल्प बेहतरीन काम करता है।

इससे यूजर का डेटा किसी थर्ड पार्टी को बेचे जाने का खतरा नहीं होता। इतना ही नहीं, यूजर को ऐड्स भी देखने को नहीं मिलते। दूसरी ओर फ्री वीपीएन यूजर को ऐड्स दिखाते हैं और सुरक्षा की गारंटी भी पक्की नहीं होती।