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Laptop को शटडाउन करना क्यों है जरूरी, प्राइवेसी से लेकर बैटरी से जुड़ी ये बातें कर सकती हैं आपको दंग

लैपटॉप को बंद करने के लिए शटडाउन और स्लीप मोड का ऑप्शन मिलता है। बहुत से यूजर्स को बार-बार डिवाइस ऑन करना एक झंझट भरा काम लगता है। ऐसे में यूजर डिवाइस को हर बार स्लीप मोड पर रखना पसंद करते हैं। हालांकि यूजर को ऐसा न करने की ही सलाह दी जाती है। डिवाइस की बैटरी लाइफ से लेकर डेटा की सुरक्षा के लिए लैपटॉप शटडाउन करना जरूरी है।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Sun, 06 Aug 2023 04:45 PM (IST)
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लैपटॉप की बैटरी लाइफ से लेकर डेटा की सुरक्षा के लिए डिवाइस को शटडाउन करना जरूरी है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। क्या आप भी उन यूजर्स में से हैं जो अपने काम की सहूलियत के लिए लैपटॉप को स्लीप मोड पर रखना पसंद करते हैं। अगर हां तो ये आर्टिकल आपके लिए एक नई जानकारी वाला हो सकता है।

मालूम हो कि लैपटॉप बंद करने के लिए यूजर को स्लीप और शटडाउन जैसे मोड मिलते हैं। हालांकि, स्लीप मोड भी यूजर के लिए एक काम का मोड है, लेकिन लैपटॉप को शटडाउन करने की आदत बहुत सी वजहों से जरूरी मानी जाती है।

लैपटॉप को क्यों करना चाहिए शटडाउन

बैटरी

लैपटॉप को स्लीप मोड पर रखते हैं तो समझने की जरूरत है कि डिवाइस की बैटरी इस मोड पर एक्टिव रहती है। इस मोड पर हर बार डिवाइस को एक्टिव रखते हैं तो लैपटॉप की बैटरी ड्रेन होने की परेशानी आ सकती है।

300 चार्ज साइकल पूरा होने के बाद लैपटॉप की बैटरी लाइफ शॉर्ट होना शुरू हो जाती है। ऐसे में शटडाउन मोड पर ही बैटरी को ड्रेन होने से बचाया जा सकता है। इसी तरह एक्टिव डिवाइस का मतलब डिवाइस का लगातार चलते रहने से जल्दी गर्म होना। लैपटॉप की लंबी लाइफ के लिए भी डिवाइस को शटडाउन मोड पर रखना जरूरी है।

प्राइवेसी

लैपटॉप को स्लीप मोड पर रखने से आपके समय की बचत तो हो सकती है, लेकिन इसकी आपकी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। स्लीप मोड पर सारा डेटा को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है।

साइबर अटैक के बढ़ते मामलों को देखते हुए लैपटॉप को शटडाउन करना एक समझदारी वाला काम माना जा सकता है। बंद लैपटॉप के साथ जानकारियों को चुरा पाना हैकर्स के लिए एक मुश्किल काम हो सकता है।

डिवाइस की परफोर्मेंस

लैपटॉप को स्लीप की जगह शटडाउन मोड पर रखने की सलाह इसलिए भी दी जाती है क्योंकि, ऐसा करने से लैपटॉप की परफोर्मेंस को बेहतर रखा जा सकता है। लैपटॉप को स्लीप मोड पर डालने के बाद डिवाइस की परफोर्मेंस स्लो हो जाती है।

ऐसा होने की वजह लैपटॉप पर ऑन कुछ फाइल्स हो सकती हैं, जो एक्स्ट्रा प्रोसेसिंग पावर लेती हैं। इसके अलावा, लैपटॉप में रन होने वाले प्रोग्राम भी मेमोरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। लैपटॉप शटडाउन करने के साथ ही बैकग्राउंड में रन होने वाले सारे प्रोग्राम्स बंद हो जाते हैं, जिसकी मदद से डिवाइस की परफोर्मेंस पर नेगेटिव इफेक्ट नहीं पड़ता।

पावर सर्ज

बिजली का बढ़ना यानी पावर सर्ज पर किसी का कंट्रोल नहीं हो सकता है। पावर सर्ज के साथ लैपटॉप को नुकसान पहुंचने का डर रहता है। यूजर का जरूरी डेटा भी लॉस्ट हो सकता है।

डिवाइस को स्लीप मोड पर रखने की आदत है तो पीसी को पावर सर्ज के कारण नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में डिवाइस को शटडाउन मोड पर बंद करने से एक बड़े खर्चे को टाला जा सकता है।

प्रोडक्टिविटी

लैपटॉप को स्लीप मोड पर रखने से डिवाइस पर सारे टैब्स एक्टिव रहते हैं ऐसे में यूजर की प्रोडक्टिविटी पर भी इसका असर पड़ता है। वहीं जब लैपटॉप को शटडाउन मोड पर बंद किया जाता है तो सारे टैब्स, विंडोज, फाइल्स को एक नया स्टार्ट मिलता है, सारा पुराना डेटा क्लियर होने के साथ प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।