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Google, Facebook, Twitter पर कसी जाएगी नकेल, कंटेंट पोस्टिंग के लिए नियमों में EU नहीं बरतेगा ढील

19 Tech Giants Set to Face Stricter EU Online Content Rules ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जिनका एक बड़ा यूजर बेस है उन पर कंटेंट पोस्ट करने की एक बड़ी जिम्मेदारी रहेगी। कंपनियों पर EU की नजर रहेगी। (फोटो- जागरण)

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Wed, 26 Apr 2023 12:44 PM (IST)
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19 Tech Giants Set to Face Stricter EU Online Content Rules, Pic Courtesy- Jagran File
नई दिल्ली, टेक डेस्क। यूरोपियन यूनियन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कंटेंट पोस्टिंग को लेकर सख्त होने जा रहा है। EU ने 19 ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को कंटेंट पोस्टिंग नियमों के लिए चुना है, जिनका एक बड़ा यूजर बेस है। इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में टेक कंपनी गूगल से लेकर अमेजन, मेटा, टिकटॉक, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म को शामिल किया गया है।

बता दें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे अमेजन, मेटा, टिकटॉक, इंस्टाग्राम, माइक्रोसॉफ्ट , ट्विटर को फॉलो करने वाले मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 45 मिलियन से ज्यादा है।

नए कानून के तहत काम करेंगे प्लेटफॉर्म

पॉपुलर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को EU के नए कानूनों का पालन करना जरूरी होगा। यह नियम कानून डिजिटल सर्विस एक्ट (Digital Services Act)है। हालांकि, नए एक्ट को इस साल अगस्त मे अप्लाई किया जाएगा।

इसके साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पोस्ट होने वाले कंटेंट को लेकर बारिक नजर रखी जाएगी। सुनिश्चित किया जाएगा कि प्लेटफॉर्म किसी तरह की डिसइन्फोर्मेशन और नफरत फैलाने वाले कंटेंट को न प्रसारित करे।

गलती हुई तो सजा होगी बड़ी

वहीं बताया जा रहा है कि अगर किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा नियमों की अनदेखी की जाती है तो कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। किसी बड़ी स्थिति में प्लेटफॉर्म को चार महीनों के लिए बंद किया जा सकता है। यानी प्लेटफॉर्म इन दौरान किसी भी तरह की एक्टीविटी नहीं कर सकेंगे। नियमों को लागू करने में किसी तरह की कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

मोटी रकम का देना होगा हर्जाना

बताया जा रहा है कि EU के नए नियमों को फॉलो नहीं किया गया तो मोटा हर्जाना भी वसूला जाएगा। बताया जा रहा है कि EU कंपनी ने उसकी सालाना ग्लोबल सेल्स का 6 प्रतिशत हर्जाने के रूप में ले सकती है। 19 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की इस लिस्ट में आने वाले समय में नई कंपनियों को भी जोड़ा जाएगा।

बता दें EU के डिजिटल सर्विस एक्ट (Digital Services Act) का उद्देश्य डिजिटल सर्विस को बेहतर बनाना है। इसके लिए डिजिटल सर्विस एक्ट (Digital Services Act) ट्रांसपैरेंसी और बैटर चाइल्ड प्रोटेक्शन की थ्योरी पर काम करेगा।