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India Mobile Congress: 5जी आधारित नई तकनीकें, जो लाएंगी बड़ा बदलाव

तकनीकों के जरिए जिन नये उत्पादों और सेवाओं का सृजन होगा उससे बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन में बदलाव आएगा। आइए जानते हैं इंडिया मोबाइल कांग्रेस में प्रदर्शित 5जी समर्थित कुछ ऐसी ही तकनीकों के बारे में..

By Jagran NewsEdited By: Sanjay PokhriyalUpdated: Tue, 04 Oct 2022 01:37 PM (IST)
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इंडिया मोबाइल कांग्रेस में प्रदर्शित 5जी समर्थित तकनीक
ब्रह्मानंद मिश्र। देश 5जी के युग में प्रवेश कर रहा हैं, जहां असीमित कनेक्टिविटी के साथ असीमित संभावनाएं भी होंगी। तीव्र कनेक्टिविटी आधारित तकनीकें बिजनेस के साथ-साथ आमजन के लिए भी अभूतपूर्व अवसरों का निर्माण करेंगी। उच्च डाटा दर, निर्बाध कवरेज, न्यूनतम विलंबता और अत्यधिक विश्वसनीय संचार प्रणाली देश के आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार साबित होगी। तकनीकों के जरिए जिन नये उत्पादों और सेवाओं का सृजन होगा, उससे बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन में बदलाव आएगा। आइए जानते हैं इंडिया मोबाइल कांग्रेस में प्रदर्शित 5जी समर्थित कुछ ऐसी ही तकनीकों के बारे में...

एआर/वीआर से स्मार्ट लर्निंग

5जी आने से वर्चुअल रियलिटी (वीआर),आगमेंटेड रियलिटी (एआर) जैसी तमाम आधुनिक तकनीकें हकीकत बनती नजर आएंगी। इन तकनीकों का शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और आपदा प्रबंधन आदि क्षेत्रों में प्रभावी इस्तेमाल हो सकेगा। कई स्टार्टअप और बड़े कारपोरेशन एआर/वीआर के जरिए पारंपरिक ई-लर्निंग प्लेटफार्म का नया विकल्प तैयार कर रहे हैं। इसे बड़े स्तर पर एड-टेक रिफार्म के तौर पर देखा जा रहा है। इस तकनीक में छात्र रियल-टाइम में नई-नई जानकारियों से जुड़ेंगे, जिससे उनके सीखने की गति बढ़ेगी। उदाहरण के लिए,अगर छात्र तारामंडल के बारे में जानना चाहते हैं, तो वे एआर/वीआर सिमुलेशन के जरिए आकाशगंगा के बारे में जान पाएंगे। इसी तरह अन्य विषयों की पढ़ाई भी एआर/वीआर सिमुलेशन से होगी। अलग-अलग क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स भी वीआर कोर्सेज के जरिए साफ्ट स्किल की ट्रेनिंग ले सकेंगे। स्मार्ट हेल्थकेयर एंबुलेंस में मरीज को ले जाते समय सही समय पर सही उपचार मिल जाने से अनेक मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। 5जी नेटवर्क से टेली-मेडिसिन और टेली-हेल्थ के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव आएगा। जियो और मेडुलेंस ने पार्टनरशिप में एक स्मार्ट हेल्थकेयर सेट-अप तैयार किया है। इसमें एंबुलेंस में मरीज की रियल टाइम निगरानी के लिए 5जी सपोर्टेड डिवाइसेज जोड़ी जाएंगी। वायस रिकार्डिंग और एआइ कैमरे से दूर बैठे डाक्टर हर पल मरीज के स्वास्थ्य की निगरानी कर सकेंगे। साथ ही जरूरत पड़ने पर हेल्थकेयर स्टाफ को जरूरी दिशा-निर्देश भी दे सकेंगे। एंबुलेंस में 5जी राउटर कनेक्शन होता है, जिससे बिना लेटेंसी के मानिटरिंग की जा सकेगी। एयरटेल समेत अन्य कंपनियों द्वारा भी ऐसे सेट-अप तैयार किए जा रहे हैं। इसी तरह दूरदराज के इलाकों में हेल्थकेयर स्टाफ भी बेहतर कनेक्टिविटी से स्वास्थ्य सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण बना पाएंगे।

एग्रोडब्ल्यू स्मार्ट

एयरटेल, मैनुफैक्चरिंग फर्म एल एंड टी और सीडैक द्वारा संयुक्त रूप से 'एग्रोडब्ल्यू स्मार्ट' डेवलप किया गया है। इसके द्वारा खेतों में कंट्रोलर और सेंसर के जरिए फसलों की देखभाल की जा सकेगी। सेंसर, फसल और मिट्टी की सही स्थिति बताएगा और संबंधित डाटा को 5जी पावर्ड क्लाउड पर भेजेगा। स्मार्टफोन एप पर किसानों को जानकारी मिलेगी, जिससे वे फसलों का बेहतर उत्पादन ले सकेंगे। फार्मिंग चैंबर द्वारा वातावरण के तापमान को नियंत्रित रखने और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से खेती-किसानों को बचाने में भी यह तकनीक मददगार है। खेत में पौधों की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरा आधारित सिस्टम भी तैयार किया गया है। 5 जी नेटवर्क द्वारा बड़े पैमाने पर डाटा रियल टाइम ट्रांसमिशन संभव हो पाता है।

कैटल हेल्थ मानिटरिंग डिवाइस

जियो द्वारा कैटल हेल्थ मानिटरिंग डिवाइस बनाई गई है। यह तकनीक गाय की एक्टिविटी को मापती है और किसी तरह की असामान्य गतिविधि होने पर डाटा क्लाउड सर्वर पर भेजती है। उसी के हिसाब से एडवाइजरी जारी हो जाती है। मोबाइल एप के जरिए किसानों को स्थानीय भाषा में जानकारी मिलती है। अगर गाय को किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो वह पहले ही पशुपालक को आगाह कर देगा। यह डिवाइस हीट का डिटेक्शन भी करती है। जियो द्वारा विकसित की गई डिवाइस की कीमत 1500 से 2500 रुपये की बीच रखी गई है। इससे बड़े स्तर पर पशुपालन को मैनेज करना आसान होगा।

क्लाउड गेमिंग

क्लाउड गेमिंग के लिए अल्ट्रा लो-लेटेंसी नेटवर्क की जरूरत होती है। 5जी नेटवर्क से क्लाउड गेमिंग के लिए बेहतर स्थिति तैयार होगी। एयरटेल, जियो और वीआइ कंपनियों द्वारा क्लाउड गेमिंग की सुविधा दी जा रही है। फास्ट स्पीड इंटरनेट और लो लेटेंसी से आप 5जी नेटवर्ट पर क्लाउड गेम का आनंद उठा सकेंगे। किसी गेम को डिवाइस में डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी। गेमिंग सर्विस, गेमर्स को लाइव-स्ट्रीमिंग लिंक के जरिए गेम से जुड़ने का मौका देती है। पावरफुल सर्वर पर क्लाउड गेमिंग सर्विस द्वारा गेम को होस्ट और रन करने के लिए वर्चुअल मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। यूजर को इंटरनेट पर कंप्रेस्ड वीडियो स्ट्रीम मिलता है। सर्वर, यूजर्स का कंट्रोल इनपुट प्राप्त कर प्रासेस करता है और फिर न्यूनतम समय में रिजल्ट डिलीवर करता है। 5जी आने के बाद यूजर एक्पीरियंस और भी बेहतर होगा, क्योंकि इसकी लेटेंसी लगभग पांच मिली सेकंड्स होती है।

रिमोट टेली आपरेशन रोबोट

इस तरह के रोबोट का इस्तेमाल न्यूक्लियर वेस्ट हैंडलिंग, बायोमेडिकल और केमिकल हजार्ड्स जोन में इस्तेमाल किया जा सकता है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) रिसर्च द्वारा तैयार इस रिमोट टैली आपरेशन रोबोट को दुनिया में कहीं से भी कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए उच्च बैंड बैंडविड्थ और अल्ट्रा लो लेटेंसी नेटवर्क की जरूरत होगी। वर्चुअल रियलिटी हैडसेट के जरिए रोबोट की कार्यप्रणाली को थ्रीडी में देखा जा सकता है। आपरेटर से रोबोट तक कमांड पहुंचने में मात्र 20 मिलीसेकंड लगते हैं। आपरेटर के पास दो वीआर कंट्रोलर होते हैं। हैंड मोशन को वर्चुअल रियलिटी द्वारा ट्रैक किया जाएगा। इससे कंट्रोल कमांड रोबोट के पास चला जाएगा। दोनों रोबोटिक हैंड आपरेटर के हाथों की मिमिकिंग करेंगे। इस तरह आपरेटर दूर बैठकर भी रोबोट को कंट्रोल कर सकेगा।