4G से 10 गुना तेज होगी 5G नेटवर्क की डाउनलोडिंग स्पीड! ग्लोबल इंटरनेट टेस्टिंग रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
5g in India ग्लोबल इंटरनेट टेस्टिंग Ookla कि एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कमर्शियल 5G के लॉन्च में 4G- LTE (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) नेटवर्क द्वारा वर्तमान में दी जाने वाली डाउनलोड स्पीड की तुलना में एवरेज डाउनलोड स्पीड को 10 गुना तक बढ़ाने की क्षमता है।
By Mohini KediaEdited By: Updated: Mon, 16 Aug 2021 03:48 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। 5g in India: ग्लोबल इंटरनेट टेस्टिंग Ookla कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कमर्शियल 5G के लॉन्च में 4G- LTE (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) नेटवर्क द्वारा वर्तमान में दी जाने वाली डाउनलोड स्पीड की तुलना में एवरेज डाउनलोड स्पीड को 10 गुना तक बढ़ाने की क्षमता है। “यह कहना असंभव है कि एवरेज भारतीय यूजर्स के लिए 5G कितना तेज़ होगा, सटीक स्पेक्ट्रम आवंटन और रोलआउट प्लान (रेडियो एक्सेस नेटवर्क और बैकहॉल और ट्रांसपोर्ट नेटवर्क में सुधार सहित) पर अनिश्चितता को देखते हुए, लेकिन लेकिन यह कहना सुरक्षित है कि 5G देश में समग्र गति में काफी उछाल लाएगा |
Ookla का आकलन और एवरेज डाउनलोड स्पीड में 10 गुना तक की वृद्धि का पता लगाना एशिया के उन देशों के नेटवर्क की इंटरनेट स्पीड की टेस्टिंग ण पर आधारित है जहां हाल ही में 5G सेवाएं शुरू की गई हैं। उदाहरण के लिए, थाईलैंड और फिलीपींस में, जहां कमर्शियल 5G सेवाएं 2020 की पहली और दूसरी तिमाही में लॉन्च की गईं, 5G नेटवर्क पर इंटरनेट डाउनलोड गति 231.45 Mbps और 151.08 Mbps तक पहुंच गई। 4g पर स्पीड 25.99 Mbps और 15.12 Mbps थी। Ookla के अनुसार, भारत में, Reliance Jio Infocomm की डाउनलोड स्पीड, जिसने 5G टेस्टिंग में लीडिंग पोजीशन हासिल किया है, पिछले 6 महीनों में पहले ही बढ़ गई है।
“ऑपरेटर की एवरेज डाउनलोड स्पीड मार्च 2021 में 5.96 Mbps से बढ़कर जून में 13.08 Mbps हो गई है। इसकी अपलोड स्पीड और कंसिस्टेंसी स्कोर (सैंपल की परसेंटेज जो 5 Mbps डाउनलोड और 1 Mbps अपलोड से ज्यादा है) में भी काफी सुधार हुआ है, ”Ookla ने अपनी रिपोर्ट में कहा। ग्लोबल प्लेयर्स के बराबर, भारत ने 2018 में, जितनी जल्दी हो सके 5G सेवाओं को शुरू करने की योजना बनाई थी, जिसका उद्देश्य बेहतर नेटवर्क स्पीड और ताकत का फायदा उठाना था, जिसका वादा प्रौद्योगिकी ने किया था।
सभी तीन प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां, रिलायंस जियो इन्फोकॉम, भारती एयरटेल और VI, दूरसंचार विभाग से स्पेक्ट्रम आवंटन और 5G फ्रीक्वेंसी बैंड का एक स्पष्ट रोड मैप तैयार करने का आग्रह कर रहे हैं, ताकि वे अपनी सर्विस के रोल आउट की प्लान बना सकें।
हालांकि भारत 5G रोल-आउट में ग्लोबल बाजारों से पीछे है, लेकिन देरी से "आखिरकार ऑपरेटरों को फायदा हो सकता है क्योंकि वे कम कीमत पर नेटवर्क डिवाइस खरीद सकते हैं"। “भारतीय ऑपरेटरों द्वारा ओपन आरएएन सिस्टम को अपनाने से 5G रोलआउट की कुल लागत को कम करने में मदद मिलेगी। 5G स्मार्टफोन की कीमतें पहले ही गिर चुकी हैं और यह चलन जारी रहेगा, जो भारत में Jio प्लेटफॉर्म की Google के साथ साझेदारी से प्रेरित है, ”Ookla ने कहा।
The Dialogue के फाउंडिंग डायरेक्टर Kazim Rizvi के मुताबिक भारत में 5जी परीक्षण चल रहे हैं और प्रमुख दूरसंचार और उपकरण निर्माता कंपनियां भारतीय उपभोक्ताओं के लिए जल्द से जल्द से जल्द सेवाएं लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। हालांकि महामारी के कारण, इस क्षेत्र में प्रगति धीमी हो गई है, लेकिन समय के साथ, घरेलू और वैश्विक कंपनियों ने इसे भारत में जल्द से जल्द लाने की रुचि दिखाई है और इस तकनीक के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना शुरू कर दिया है। 5G स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, शिक्षा, खेती आदि में बहुत सारे अवसर और उन्नति प्रस्तुत करता है, और स्मार्ट शहरों की संभावनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
5G में कई भाग शामिल हैं जिसके लिए भारत को दुनिया भर के कॉम्पोनेन्ट निर्माताओं से सहायता की आवश्यकता हो सकती है। उदाहरण के लिए jio का क्वालकॉम और इंटेल के साथ सहयोग और VI का 5G नेटवर्क के लिए सिस्को के साथ सहयोग एक इंटरकनेक्टेड इकोसिस्टम के महत्व की व्याख्या करता है। हालांकि भारत इन विनिर्माताओं के साथ भागीदारी करके घरेलू स्तर पर इन अवयवों का उत्पादन करने की दिशा में काम कर रहा है जिससे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सहयोग मिलेगा।