कहीं आपके फोन में भी तो सेव नहीं है यह फर्जी नंबर, आधार की सुरक्षा पर फिर से उठे सवाल
UIDAI एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है। एंड्रॉइड यूजर्स के फोन बुक में UIDAI के नाम से एक हेल्पलाइन नंबर अपने आप सेव हो गया है
By Harshit HarshEdited By: Updated: Sat, 04 Aug 2018 07:21 AM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। अभी कुछ दिन पहले ही ट्राई चीफ आरएस शर्मा की आधार जानकारियां हैकर्स ने सावर्जनिक कर दी थी। इसके बाद उनकी बेटी को धमकी वाले कॉल्स भी आए थे। अब, एंड्रॉइड यूजर्स के स्मार्टफोन में UIDAI के नाम से एक हेल्पलाइन नंबर 1800-300-1947 सेव हो गया है। आपकी जानकारी के बिना ही यह नंबर कैसे सेव हो गया, यह सवाल लाखों एंड्रॉइड यूजर्स के लिए विषय बन गया है। इसको लेकर सोशल मीडिया ट्विटर पर कई लोगों ने पोस्ट करके आधार कार्ड की जानकारी की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
सवालों के घेरे में UIDAI
UIDAI ने ट्विट करके बताया कि यह नंबर (1800-300-1947) फर्जी है। जबकि, फ्रैंच सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने 2014 में जारी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की एक प्रेस विज्ञप्ति का स्क्रीन शॉट ट्विटर पर पोस्ट किया। इसमें यह कथित फर्जी नंबर (1800-300-1947) दर्ज है। ऐसे में UIDAI एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है।
ये है UIDAI का जबाब
इस नंबर पर नहीं लगता है कोई कॉल
हमने अपने एंड्रॉइड स्मार्टफोन्स में चेक किया तो हमारे स्मार्टफोन्स में भी यह नंबर सेव दिखा। जब इस नंबर (1800-300-1947) पर कॉल करके देखा तो यह एक इनवैलिड नंबर निकला। इसका मतलब साफ है कि यह UIDAI का हेल्पलाइन नंबर नहीं है। हमारी टीम के कई यूजर्स ने इसे डिलीट करने की कोशिश की तो यह नंबर डिलीट भी नहीं हो रहा था। जबकि, कई स्मार्टफोन्स में हम इसे डिलीट करने में सफल हो गए। आपको बता दें कि आधार की वेबसाइट पर टोल फ्री नंबर 1947 दिया हुआ है और यह नंबर काम करता है।
आधार कार्ड की सुरक्षा पर फिर से उठे सवालयह पहली दफा नहीं है जब आधार कार्ड के डाटा की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं। हाल ही में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के चेयरमैन आरएस शर्मा का हैकरों को चुनौती वाला ट्वीट और उसका रिएक्शन क्या हुआ, ये किसी से छिपा नहीं है। इन सब के बीच अब ट्विटर पर एक और बहस शुरू हो गई है। शर्मा ने 28 जुलाई को अपना 12 अंकों का आधार नंबर साझा करके एक ट्वीट करते हुए हैकर्स को चुनौती दी थी। शर्मा ने हैकर्स से कहा था कि वो उनकी डिटेल्स को हैक करके दिखाए। जिसके बाद हैकर्स ने उनकी चुनौती स्वीकारते हुए 14 व्यक्तिगत जानकारियों को लीक कर दिया था। इसमें उनका मोबाइल नंबर, घर का पता, जन्मतिथि, पैन कार्ड नंबर, वोटर आइडी समेत कई दस्तावेज शामिल थे।