आधार पर SC के फैसले के बाद रिलायंस Jio और Paytm के eKYC पर पड़ सकता है असर
सुप्रीम कोर्ट के 26 सिंतबर को आए फैसले की वजह से रिलायंस जियो को eKYC के अलावा अन्य वेरिफिकेशन तरीकों का इस्तेमाल करना होगा
By Harshit HarshEdited By: Updated: Sat, 29 Sep 2018 10:42 AM (IST)
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट से आधार को लेकर फैसला आने के बाद से रिलायंस जियो और पेटीएम जैसी कंपनियों के लिए यूजर वेरिफिकेशन एक परेशानी का सबब बन गया है। वर्तमान केन्द्र सरकार के डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए रिलायंस जियो और पेटीएम ने eKYC के जरिए करोड़ो यूजर्स का वेरिफिकेशन किया है।
रिलायंस जियो और एयरटेल का नया सिम लेने के लिए यूजर्स eKYC के जरिए वेरिफिकेशन करते हैं। रिलायंस जियो के सिम एक्टिवेशन के लिए अधिक से अधिक 30 मिनट का समय लगता है। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के 26 सिंतबर को आए फैसले की वजह से रिलायंस जियो को eKYC के अलावा अन्य वेरिफिकेशन तरीकों का इस्तेमाल करना होगा। रिलायंस जियो के अलावा ई-वॉलेट कंपनी पेटीएम ने भी eKYC के जरिए करोड़ों यूजर्स का वेरिफिकेशन किया है। अब पेटीएम को भी eKYC के अलावा अन्य वेरिफिकेशन तरीका ढूंढ़ना पड़ सकता है।रिलायंस जियो और पेटीएम के पास इस समय 20 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। आधार वेरिफिकेशन को निरस्त करने से इन दोनों ही कंपनियों के बिजनेस मॉडल के लिए चुनौती पैदा हो सकती है। क्या ये कंपनियां कोई अन्य वेरिफिकेशन के तरीकों पर काम कर रही हैं कि यह आगे देखने वाली बात है। हालांकि, इसके लिए अभी डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम यानी कि DoT के अगले आदेश का इंतजार करना बांकि है।
सितंबर 2016 में अपनी सेवा शुरू करने वाली रिलायंस जियो के इस समय 227 मिलियन यानी कि 22.7 करोड़ उपभोक्ता हैं। जियों के इन उपभोक्ताओं का वेरिफिकेशन eKYC के जरिए ही किया गया है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डीजी (डायरेक्टर जनरल) राजन एस मैथ्यू ने कहा, 'हम माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आदर करते हैं। हम आगे इस आदेश के बाद कई चीजों का रिव्यू करेंगे, इसके साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम के आदेश और निर्देंशों का भी इंतजार कर रहे हैं। हम सभी सदस्य ऑपरेटर्स पहले की तरह ही सभी नियमों का पालन करेंगे।' रिलायंस जियो की तरह ही पेटीएम को भी इन्हीं समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। यह भी पढ़ें: