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भारत में AI मॉडल लॉन्च करने से पहले सरकार से लेनी होगी परमिशन, स्टार्टअप पर नहीं लागू होगा फैसला

केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते एआई के दुरुपयोग पर बड़े इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की कड़ी आलोचना की थी। इसी के साथ केंद्र ने कहा था कि मध्यस्थों को किसी तरह के पूर्वाग्रह या भेदभाव से बचना चाहिए। सरकार की ओर से कहा गया था कि भारत में किसी भी एआई मॉडल को लॉन्च करने से पहले अनुमति लेना जरूरी होगा।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Mon, 04 Mar 2024 02:19 PM (IST)
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AI मॉडल लॉन्च करने से पहले सरकार से लेनी होगी परमिशन: इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में भारत में एआई मॉडल्स को लॉन्च करने से पहले अनुमति लेने को लेकर खबरें सामने आईं थीं।

इसी कड़ी में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर ने फैसले को लेकर एक नया अपडेट जारी किया है।

राजीव चंद्रशेखर ने जारी किया नया अपडेट

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के जरिए साफ कहा है एआई मॉडल लॉन्च करने से पहले अनुमति लेना केवल बड़ी टेक कंपनियों और सोशल मीडिया सब्सिडिरी के लिए जरूरी होगा। हालांकि, यह फैसला स्टार्टअप कंपनियों पर लागू नहीं होगा।

➡️Advisory is aimed at the Significant platforms and permission seeking from Meity is only for large plarforms and will not apply to startups.

➡️Advisory is aimed at untested AI platforms from deploying on Indian Internet…

— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳(Modiyude Kutumbam) (@Rajeev_GoI) March 4, 2024

राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि यह एडवाइजरी बिना परीक्षण किए एआई मॉडल (Untested AI Models) को इंडियन इंटरनेट पर लाने से रोकने के लिए लाई गई है।

बिना टेस्ट किए प्लेटफॉर्म को लेकर एआई मॉडल लॉन्च करने से पहले अनुमति लेने की यह प्रक्रिया, लेबेलिंग प्लेटफॉर्म के लिए एक तरह से इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह काम करेंगे।

भारत में इंटरनेट को लेकर सुरक्षा और भरोसा सरकार के साथ-साथ प्लेटफॉर्म और यूजर्स का एक समान लक्ष्य है।

क्या था मामला

दरअसल, केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते एआई के दुरुपयोग पर बड़े इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की कड़ी आलोचना की थी।

केंद्र ने कहा था कि मध्यस्थों को किसी तरह के पूर्वाग्रह या भेदभाव से बचना चाहिए। किसी भी तरह से चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को खतरा नहीं होना चाहिए।

इसी के साथ किसी भी एआई मॉडल को लॉन्च करने से पहले सरकार की अनुमति मायने रखेगी।

केंद्र की ओर से कहा गया था कि नई गाइडलाइन्स के साथ तुंरत काम करना होगा और प्लेटफॉर्मों को एक्शन टेकन कम स्टेटस रिपोर्ट मिनिस्ट्री को 15 दिनों के भीतर जमा करनी होगी।

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