AI ChatBot एडवांस होती तकनीक या प्राइवेसी पर खतरा, तराजू का कौन-सा पलड़ा भारी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट हर यूजर की उत्सुकता को बढ़ा रहा है। इस खासियतों की वजह से हर किसी को नई तकनीक पसंद आ रही है। हालांकि इस नई तकनीक से यूजर की प्राइवेसी भी जुड़ी है। दूसरी ओर साइबर अपराधी भी एक्टिव हुए हैं। (फोटो- जागरण)
By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Mon, 13 Feb 2023 03:30 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट वर्चुअल वर्ल्ड ही नहीं रियल वर्ल्ड की सुर्खियों में भी छाया हुआ है। जहां यह क्रांति ओपनएआई के चैटजीपीटी से शुरू हुई थी अब धीरे- धीरे गूगल के बार्ड और माइक्रोसॉफ्ट के सर्चिंग टूल्स तक आ पहुंची है।
इतना ही नहीं इस चैटबॉट की खासियतों के बाद तमाम टेक्नोलॉजी कंपनियों का ध्यान इस तरह की तकनीक पर आ ठहरा है। जिसका मतलब है कि आने वाले दिनों में कई कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट के फिल्ड में अपना हाथ आजमाती नजर आ सकती हैं।
हालांकि, इसे एडवांस टेक्नोलॉजी का दौर माना जा सकता है लेकिन यह आम यूजर की प्राइवेसी के लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकता है।
आपकी प्राइवेसी पर मंडरा रहा खतरा
एक रिपोर्ट की मानें तो कई ऐसे दावे हैं जो आपकी प्राइवेसी के उपयोग को लेकर चौंका सकते हैं। आपकी जानकारियों का इस्तेमाल इस एडवांस टेक्नोलॉजी द्वारा आपकी इजाजत के बिना किया जा चुका है। जानकारों का दावा है कि अगर आप किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं और आपने खुद अपनी निजी जानकारियां किसी उद्देश्य से पब्लिक की हैं तो यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट की पकड़ में भी आ सकता है।
चैटजीपीटी निर्माता कंपनी ओपनएआई की ही बात करें तो कंपनी ने चैटबॉट के लिए एक बड़े लेवल पर डाटा इकट्ठा किया है। यह करीब 300 बिलियन वर्ड्स का डाटा है, जिसे इंटरनेट से जुटाया गया है। ऐसे में इस डाटा में आपकी निजी जानकारियों का होना भी कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी।