Crime GPT: लॉन्च हुआ Trinetra 2.0, क्रिमिनल्स को पकड़ने में UP पुलिस की होगी मदद
Crime GPT त्रिनेत्र 2.0 (Trinetra 2.0) आपराधिक डेटाबेस निकालने के लिए लिखित और ऑडियो इनपुट दोनों का इस्तेमाल करता है और फिर उसके आधार पर रिजल्ट्स तैयार करता है। अगर किसी अपराधी के बारे में पिछले दो वर्ष में किए गए अपराध के बारे में जानकारी प्राप्त करनी है तो एक लिखित या ऑडियो संदेश क्वेरी दर्ज की जाती है। आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सॉल्यूशन कंपनी Staqu Technologies ने एआई पावर्ड क्राइम जीपीटी Trinetra 2.0 लॉन्च किया है। यह टूल यूपी सरकार और स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मिलकर काम करता है। इस क्राइम जीपीटी लॉन्च का मकसद सिक्योरिटी को मजबूत करना है। इससे यूपी पुलिस को अपराधियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी। आइए इसके बारे में जानते हैं।
ऑडियो और लिखित इनपुट्स
Crime GPT त्रिनेत्र 2.0 (Trinetra 2.0) आपराधिक डेटाबेस निकालने के लिए लिखित और ऑडियो इनपुट दोनों का इस्तेमाल करता है और फिर उसके आधार पर रिजल्ट्स तैयार करता है। अगर किसी अपराधी के बारे में पिछले दो वर्ष में किए गए अपराध के बारे में जानकारी प्राप्त करनी है तो एक लिखित या ऑडियो संदेश क्वेरी दर्ज की जाती है। आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
डेटाबेस से जुड़कर प्रोग्राम को जरूरी प्रोग्राम तुरंत मिल जाते हैं। इसमें आपराधिक गिरोह विश्लेषण, स्पीकर पहचान, आवाज पहचान, चेहरे की पहचान और कई चीजें शामिल हैं।
आसान बनाता है क्रिमिनल्स को पकड़ना
Crime GPT स्टैक का Trinetra ऐप्लिकेशन है। इसका इस्तेमाल निशान का पता लगाने, ओरल सिग्नल, ऑडियो इनपुट फेशियल पहचान के आधार पर त्रिनेत्र अपराधियों को ट्रैक करना और पकड़ना आसान बनाता है। बता दें कि स्टैक पहला भारतीय स्टार्टअप था, जिसने पहले उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से 9,00,000 से अधिक अपराधियों का डेटाबेस बनाया था।क्राइम जीपीटी त्रिनेत्र के लॉन्च पर Staqu टेक्नोलॉजी के को-फाउंडर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिर अतुल राय ने कहा कि हमारा विजन सिक्योरिटी स्ट्रक्चर को मजबूत बनाना है और इसको आगे बढ़ाने के लिए क्राइम जीपीटी अच्छी भूमिका निभाता है। इसके जरिये डिजिटल क्रिमिनल डेटाबेस तैयार किए जाते हैं।ऑडियो और लिखित इनपुट्स के आधार पर अपराधी की पहचान करने में मदद मिलती है। त्रिनेत्र हमारे काम का विस्तार है जिसको UP पुलिस के द्वारा अपनाया गया है।
ये भी पढ़ें- क्या है Nomophobia, कैसे ये स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों को बनाता है अपना शिकार; आप भी तो नहीं...